महिलाओं को लेकर बार-बार क्यों फिसल जाती है CM नीतीश की जुबान? विवादों में फिर घिरे सीएम

Date:

Share post:

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पहला भरोसा राज्य की महिलाओं ने जताया था। सीएम नीतीश भी शुरुआती दौर में महिलाओं और लड़कियों के हक की बाते करते थें, लेकिन अब माहौल थोड़ा बदल गया है। अब या तो महिलाओं को कुछ समझ नहीं आता या फिर सीएम नीतीश महिलाओं को काबिल ही नहीं समझते हैं। अक्सर बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ के नारे लगाने वाले सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर विधानसभा में महिला नेता पर तंज कस कर चर्चे में हैं।

सीएम नीतीश ने बुधवार को विधानसभा में राज्य के संशोधित आरक्षण कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर चल रहे विपक्ष के हंगामें के बीच आरजेडी की महिला विधायक रेखा देवी पर विवादस्पद टिप्पणी कर दिया। जिसके बाद से उनके इस बयान पर ना केवल बिहार में बल्कि पूरे देश में भी बवाल मच गया है।

हमने महिलाओं को आगे बढ़ाया
राजद विधायक रेखा देवी विधानसभा में आरक्षण मुद्दे पर कुछ कह रही थीं तभी नीतीश कुमार अपना आपा खोते हुए कहते हैं, “अरे औरत हो, कुछ जानती नहीं हो”। उन्होंने कहा कि 2005 के बाद हमने महिलाओं को आगे बढ़ाया है। इसलिए कह रहे हैं, चुपचाप सुनों। जिसपर विरोध जाते हुए राजद के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र नेकहा कि सीएम को पता नहीं क्या हो गया है। अक्सर महिलाओं को लेकर गलत टिप्पणी करते रहते हैं। हमें लगता है कि उन्हें महिलाओं से नफरत हैं। बाद में विपक्षी गठबंधन के कई नेताओं ने सीएम के इस बयान पर विरोध जताया।

बिहार में कैसे हुआ जनसंख्या नियंत्रण
बता दें कि सीएम नीतीश का महिलाओं पर यह कोई पहला बयान नहीं है। इससे पहले भी नीतीश कुमार महिलाओं को लेकर विधानसभा में विवादित बयान दे चुके हैं। जिसकी वजह से ना केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में भी बिहार के मुखिया पर कई प्रश्न उठे हैं। पिछले साल नवंबर महीने में नीतीश कुमार ने विधानसभा में बिहार में हुए जनसंख्या नियंत्रण को समझाते हुए विवादित बयान दिया था। उन्होंने भरी सभा में कहा था कि ‘ लड़की पढ़ रहीं है, इसलिए जब उसका शादी होता है तो पुरुष को हर रोज करने से रोकती है। जिससे बच्चा पैदा नहीं होता है। हालांकि खुले तौर पर उनके द्वारा दिए गए उस बयान को लिखना भी थोड़ा मुश्किल है।

बिहार विधानसभा चुनाव
बिहार में पिछले तीन चुनावों का डेटा उठा कर देंखे तो पुरुष से ज्यादा महिला मतदाताओं की तादात है। ऐसे में लगातार महिलाओं पर दे रहे विवादित टिप्पणी की वजह से सीएम नीतीश को 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

Related articles

जिल्हाधिकारी कार्यालयाच्या अधिनस्त महसूल कार्यालयांमार्फत पुरविण्यात येणाऱ्या सेवांचा नागरिकांनी लाभ घ्यावा*

पी.वी.आनंदपद्मनाभन* ठाणे, राज्यातील नागरिकांना जास्तीत जास्त शासकीय सेवा मोबाईलच्या माध्यमातून उपलब्ध झाल्या पाहिजेत. त्यासाठीची ऑनलाईन प्रणाली विकसीत करा, अशी...

सैफ अली खान पर हमला करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने किया गिरफ्तार

अभिनेता सैफ अली खान पर एक घुसपैठिये ने चाकू से हमला किया था, जिससे उनकी गर्दन और रीढ़...

‘Zero Pendency and Daily Disposal’ Initiative to Resolve Pending Files in Higher and Technical Education Department

P.V.Anandpadmanabhan Mumbai, Jan 16 : The Higher and Technical Education Department is effectively implementing the Zero Pendency and Daily...