नई दिल्ली : सोमवार को जून महीने की थोक महंगाई दर का आंकड़ा सामने आ गया है। इस आंकड़े के आधार पर पता चला है कि जून में ये दर 3 फीसदी पार हो गई है। पिछले महीने में थोक महंगाई दर या होलसेल महंगाई दर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। इसी साल मई के महीने में यही दर 2.61 फीसदी के स्तर पर थी।
ये आंकड़ा सामने आने के बाद पता चला है कि ये पिछले 16 महीनों को सबसे उच्च स्तर है यानी इस आंकड़े में महंगाई ने अपने पिछले रिकॉर्ड को पार कर लिया है। इस दर के बढ़ने के पीछे का कारण सब्जियों और खाद्य वस्तुओं के महंगे होने को बताया जा रहा है। साथ ही प्राइमरी आर्टिकल्स का महंगा होना भी इसकी प्रमुख वजह हो सकती है। खाद्य पदार्थों के अलावा मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर में भी बढ़त दर्ज की गई है। ये दर जो पहले 1 प्रतिशत से कम हुआ करती थी अब डेढ़ प्रतिशत तक हो गई है।
मुद्रास्फीति मई में 2.61 प्रतिशत
देश में थोक मुद्रास्फीति जून में लगातार चौथे महीने बढ़कर 3.36 प्रतिशत हो गई। खाद्य वस्तुओं, खासकर सब्जियों तथा विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि इसकी मुख्य वजह रही। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति मई में 2.61 प्रतिशत थी। जून 2023 में यह शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही थी।
खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, “जून 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे रसायन तथा प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि रही।” आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति जून में 10.87 प्रतिशत बढ़ी, जबकि मई में यह 9.82 प्रतिशत थी।
दालों की महंगाई दर जून में 21.64 प्रतिशत
सब्जियों की महंगाई दर जून में 38.76 प्रतिशत रही, जो मई में 32.42 प्रतिशत थी। प्याज की महंगाई दर 93.35 प्रतिशत रही, जबकि आलू की महंगाई दर 66.37 प्रतिशत रही। दालों की महंगाई दर जून में 21.64 प्रतिशत रही। ईंधन और बिजली क्षेत्र में मुद्रास्फीति 1.03 प्रतिशत रही, जो मई में 1.35 प्रतिशत से थोड़ी कम है।