नवसारी के 207 तपस्वियों ने 13 महीने का कठिन उपवास पूरा कर निकला जुलूस

Date:

Share post:

जैन शास्त्रों में तप का बहुत महत्व है। जैसा कि प्रभु महावीर कहते हैं, तपस्या कर्मों को जलाने की भट्टी है। जैन धर्म में तप का मुख्य उद्देश्य कर्मक्षय है। अत: वर्षीतप की आराधना भी कर्मक्षय का उत्कृष्ट साधन है और चूंकि यह प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ प्रभु द्वारा की गई थी, इसलिए इसकी शुरुआत उनके तीर्थक्षेत्र में जाकर की जाती है या पूर्ण की जाती है यानी पालना लगाया जाता है। वर्षी तप का अर्थ है 13 महीने का उपवास, जो फागन वद आठमा (इस वर्ष 15 मार्च) को शुरू होता है, और वैशाख सुद तृतीया यानी अखत्रिज – अक्षय तृतीया पर समाप्त होता है। नवसारी शहर में भी 207 जैन साधु कल अक्षय तृतीया के दिन जैन समाज गुरु के हाथों कठोर तपस्या करेंगे, इससे पहले आज 52 जिनालयों से एक भव्य जुलूस शहर में लौटा, जैन समाज के प्रमुख पुरुषों और महिलाओं ने मंजूरी दी तपस्वियों को.

Related articles

इंडिगो की फ्लाइट (6E‑6313, दिल्ली → रायपुर) में हुई तकनीकी खामी के बारे में विस्तृत हिंदी में जानकारी दी जा रही है:

राजेश लक्ष्मण गावड़े मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम) ✈️ घटना का पूरा विवरण तारीख व समय: यह घटना 18...

एयर इंडिया के अहमदाबाद हादसे और ब्लैक बॉक्स (Black Box) से अब तक प्राप्त जानकारी का विस्तृत विवरण हिंदी में प्रस्तुत है:

राजेश लक्ष्मण गावड़े मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम) ✈️ विमान और दुर्घटना का संक्षिप्त परिचय फ्लाइट: एयर इंडिया AI 171...

🎬 RLG PRODUCTION प्रस्तुत करता है🤣✨ “कॉमेडी के उस्ताद – Andy और B Ashish की जोड़ी, Calangute Beach, Goa से!”🎥 एक अनोखा, हँसी से...

राजेश लक्ष्मण गावड़े मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम) 🏖️ स्थान:गोवा का मशहूर Calangute Beach – जहां लहरों की...