नई दिल्ली: अक्सर हमने देखा है कि, किसी कक्षा में क्लास मॉनीटर के चुनाव में टीचर अक्सर पर्ची में नाम निकालकर या जिसके नाम पर समर्थन में सबसे ज्यादा हाथ खड़े हों, वही मॉनीटर बने वाले नियम से चलती हैं । ऐसे ही कुछ तरीकों से इस देश-दुनिया में चुनाव होते हैं। हालंकि कई देशों में आज भी मतदाता मतपत्र पर पसंदीदा उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिन्ह पर मोहर लगाते है, तो वहीं अब भारत (India) सहित कुछ देशों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) का इस्तेमाल होता है।
समुद्र के 60 फीट पानी के अंदर भी मतदान
लेकिन अब अगर हम आपको कहें कि, समुद्र के 60 फीट पानी के अंदर भी मतदान हो सकता है तो शायद आप यह न मानें, लेकिन भारतीय चुनाव आयोग ने यह मुकाम भी हासिल कर लिया है। लेकिन जनाब, देश में तकनीक के साथ तरक्की ने चुनाव प्रक्रिया को भी अब और आसान बना दिया है। अब एक भी मत बेकार न जाए, इस उद्देश्य से अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM चुनाव प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण अंग बन गई है।
ऐसे काम करती है EVM
यह साधारण बैटरी चलित एक ऐसी बेहतरीन मशीन, जो मतदान के दौरान डाले गए मतों को दर्ज करती है और गिनती भी करती है। बस मात्र तीन हिस्सों से बनी इस मशीन की अहमियत इस बात से समझ लीजिएकि अब लगभग हर संसदीय व विधानसभा चुनाव में इन्हें उपयोग किया जा रहा है। मतपत्रों की तुलना में ईवीएम अधिक सटीक होती है।