गंगटोक. सिक्किम में मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात अचानक आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ। इस आपदा में 10 लोगों की मौत हो गई। कई वाहनों के बहने के साथ सेना के 22 जवानों समेत 81 लोग लापता हैं, जबकि 26 लोग घायल हो गए। लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उफनती तीस्ता नदी में कई सड़कें और पुल बह गए। राष्ट्रीय राजमार्ग-10 का एक हिस्सा ढह जाने सेे गंगटोक का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक सिक्किम में बाढ़ निचले इलाकों में ग्लेशियरों के पिघले पानी से बनी झील फटने से आई। इसे ग्लेशियल लेक आउट बर्स्ट फ्लड कहा जाता है। इससे पहले खबर थी कि बादल फटने से बाढ़ आई। तीस्ता नदी का पानी बुधवार सुबह सिंगतम व रंगपो जैसे निचले इलाकों में घुस गया। तीस्ता के बढ़ते पानी से प्रतिष्ठित इंद्रेनी पुल भी बह गया। सिंगतम और रंगपो जैसे इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। सेना के 22 जवान सिंगतम के पास बारदांग इलाके से लापता हुए। सिक्किम के सीएम पी.एस. तमांग-गोले हालात का जायजा लेने सिंगतम पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाएं तैनात कर दी गई हैं। आपदा से 11000 लोग प्रभावित हुए हैं।
अचानक बाढ़ का यह है कारण
सिक्किम और लद्दाख के इलाकों में ग्लेशियर पिघलने से बड़ी झीलें बन जाती हैं। इनमें पानी का जमाव सीमाएं तोड़ देता है तो उसी तरह के हालात पैदा होते हैं, जिनसे सिक्किम जूझ रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड अचानक आती है और इलाके को खतरे में डाल देती है।