नई दिल्ली. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब इसरो गगनयान की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। यह भारत का पहला मिशन होगा, जिसमें इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। मिशन के लिए इसरो को पहला क्रू मॉड्यूल मिल गया है, जिसका पहला अबॉर्ट टेस्ट 26 अक्टूबर को किया जा सकता है। भारतीय अंतरिक्षयात्री इसी कैप्सूल (क्रू मॉड्यूल) में बैठकर पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाएंगे। अबॉर्ट टेस्ट का अर्थ है, यदि किसी तरह की मुश्किल हो तो एस्ट्रोनॉट के साथ ये मॉड्यूल उन्हें सुरक्षित नीचे ले जाए। क्रू मॉड्यूल को कई स्टेज में विकसित किया गया है। इसमें प्रेशराइज्ड केबिन होगा, जिससे बाहरी वायुमंडल या अंतरिक्ष का असर एस्ट्रोनॉट पर न पड़े। टेस्टिंग के लिए बनाया गया यह क्रू मॉड्यूल असल क्रू मॉड्यूल के आकार, आकृति और वजन जितना है। इसमें एवियोनिक्स सिस्टम लगा है, जो पूरे टेस्ट मिशन के दौरान नेविगेशन, सिक्वेंसिंग, टेलिमेट्री और ऊर्जा आदि की जांच में मदद करेगा। अबॉर्ट मिशन पूरा होने के बाद भारतीय सेना बंगाल की खाड़ी से इसे रिकवर करेगी।
टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन के लिए तैयार क्रू मॉड्यूल।