

कोल्हापुर जिले में महाराष्ट्र लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2015 के पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ सरकार की विभिन्न सेवाओं को नागरिकों तक पहुंचाने का काम महाराष्ट्र लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2015 के तहत बनाए गए पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से निश्चित रूप से किया जाएगा। इस पायलट प्रोजेक्ट को राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा, उक्त बातें राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यहां पर कहीं हैं। महाराष्ट्र लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2015 को प्रभावी रुप से लागू करने के लिए कोल्हापुर जिले में शुरु हो रहे पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ गुरुवार को मुख्यमंत्री के करकमलों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से किया गया। कोल्हापुर में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा व विशेष सहायता मंत्री और कोल्हापुर के पालक मंत्री हसन मुश्रीफ, राज्य उत्पाद शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई, महाराष्ट्र कृषी शिक्षण व संशोधन परिषद (कृषि शिक्षा और अनुसंधान परिषद), पुणे के उपाध्यक्ष तथा विधायक प्रकाश आबिटकर, राज्य लोक सेवा अधिकार आयोग पुणे विभाग के आयुक्त दिलीप शिंदे, जिला अधिकारी अमोल येडगे, महानगरपालिका के आयुक्त के. मंजुलक्ष्मी, पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कार्तिकेयन एस. उपस्थित थे। इसके अलावा राज्य लोक सेवा अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त मनुकुमार श्रीवास्तव, राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, पुणे विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार सहित राज्य के अन्य सभी विभागीय आयुक्त और जिला अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री . शिंदे ने कहा, मंगलवार को देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर हम राजर्षी छत्रपती शाहू महाराज की जन्मस्थली से महाराष्ट्र लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2015 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं। यह अधिनियम 2015 में शुरू किया गया है और इसके तहत सरकार की हजारों योजनाओं को शामिल किया गया है और नागरिकों को तत्काल और सहज तरीके सेवाएं प्रदान करने के विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। हालांकि, लोगों को अभी भी इस अधिनियम (कानून) के बारे में ठीक से जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि सेवाओं के प्रभावी उपयोग के माध्यम से लोगों तक यह कानून पहुंचना चाहिए। उन्होंने कोल्हापुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए जिला प्रशासन को बधाई भी दी। उन्होंने इस परियोजना की मंजूरी के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों के लिए विधायक प्रकाश आबिटकर, पालकमंत्री हसन मुश्रीफ व राज्य उत्पाद शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई को भी बधाई दी।
उन्होंने कहा कि जिले के हर नागरिक तक सेवा गारंटी कानून को पहुंचाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने ली है, यह बहुत ही सराहनीय है और अब सरकार की विभिन्न सेवाएं समय पर नागरिकों के घरों तक पहुंचेंगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई सुविधाएं जैसे घरपोच सेवा (डोर-टू-डोर सर्विस), सेवा वाहिनी, आपले सरकार वेब पोर्टल, आरटीएस मोबाइल एप्लिकेशन, व्हाट्सएप चैटबॉट, हर तालुक में एक आदर्श आपले सरकार सेवा केंद्र। उसी तरह से लोगों की शिकायतों के लिए शुरू की गई क्यूआर कोड अवधारणा (कांसेप्ट), कार्यालयों की रेटिंग कर प्रशासन को गति करने की योजना सराहनीय है, ऐसा भी मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिंदे ने परियोजना के बारे में जानकारी देने वाली एक फिल्म का अनावरण किया गया। इसके साथ ही उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विभिन्न प्रचार-प्रसार की पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष के रुप में बोलते हुए, चिकित्सा शिक्षा व विशेष सहायता मंत्री और कोल्हापुर के पालक मंत्री श्री मुश्रीफ ने इस अधिनियम के सफल क्रियान्वयन के लिए कोल्हापुर का चयन करने के लिए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
वहीं मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि मौजूदा कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अच्छी योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के सत्र में स्थानीय विधायक श्री. आबिटकर ने महाराष्ट्र लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2015 के सफल क्रियान्वयन पर ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद ही इस पायलट प्रोजेक्ट को कोल्हापुर जिले से शुरू करने का निर्णय लिया गया।
इस कार्यक्रम की शुरूआत में जिला अधिकारी अमोल येडगे ने बताया कि सेवा गारंटी कानून और पायलट प्रोजेक्ट क्या है, जबकि उपविभागीय अधिकारी हरिश धार्मिक ने आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में जिले के सभी विभागों के प्रमुख, चयनित स्कूल, महाविद्यालयों के शिक्षक, सरपंच और महिलाएं बड़े पैमाने पर उपस्थित थीं।








