नई दिल्ली: संसद सत्र का आज छठा दिन चल रहा है। सदन के बीच नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी संबोधन दे रहे थे। तभी अचानक राहुल गांधी के एक बयान से पूरे सदन में बवाल मच गया। उन्होंने पहले सभी गुरूओं की तस्वीर दिखाई, फिर अभय मुद्रा बात की। जिसके बाद उन्होंने कहा कि सभी धर्म अहिंसा का संदेश देती है। लेकिन जो अपने आप को हिन्दू कहते हैं वो हिंसा करते हैं।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद पूरे सदन में बवाल मच गया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र ने और संविधान ने मुझे सिखाया है कि मुझे विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए। जिसपर पीछे बैठे सांसद हंसने लगें।
आपातकाल वाली पार्टी और अभय की बात
राहुल गांधी के इस बयान को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि आपने आप को हिन्दू कहने वाले लोग हिंसा करते हैं। आप बताएं क्या सभी लगो हिंसा करते हैं? सदन में और संवैधानिक पद पर बैठे इंसान को क्या किसी धर्म को हिंसा सो जोड़ने की अनुमति है? उन्होंने की अभय मुद्रा के बारे में बात करने से पहले उसके बारे में धर्म के जानकारों से बात कर लेनी चाहिए। अमित शाह ने राहुल गांधी के इस बयान कि आलोचना करते हुए कहा कि अभय मुद्रा की बात वो ना करें जिन्होंने आपातकाल लगाकर पूरे देश में भय फैलाया था। अमित शाह ने कहा कि अपने इस बयान के लिए उन्हें पूरे सदन से और देश से मांफी मांगनी चाहिए।
स्पीकर ने कराया शांत
राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी के निशिकांत दुबे ने संविधान का जिक्र करते हुए जवाब दिया। उन्होने कहा कि संविधान बचाने की बात करने वाले लोग संविधान के आर्टिकल 25 को शायद भूल रहे हैं। उन्होंने संविधान का मजाक बनाया है। वहीं लोकसभा स्पीकर ने मामले को शांत कराते हुए कहा कि सदन आज राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अभिभाषण पर डिबेट करने बैठी है इसलिए हमें मुद्दे से भटकना नहीं चाहिए। हमें संसद का रूल के बारे में पता होना चाहिए। जिसके बाद राहुल गांधी अपना तूक देते हैं कि मै इसलिए ऐसा कर रहा हूं क्योंकि अनुराग ठाकुर जी ने भी अयोध्या की बात की थी। उन्होंने भी हिन्दूओं पर आक्रमण की बात की थी। इसलिए मैने ऐसा किया।