LG को सताने लगी अरविंद केजरीवाल की चिंता, इसलिए लिखा चीफ सेक्रेटरी को लेटर

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी भी जेल में बंद है। पिछले कई दिनों से पार्टी की ओर से केजरीवाल के स्वास्थय को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पार्टी के नेता संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के बताया था कि सीएम केजरीवाल की तबीयत लगातार खराब हो रही है।

साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वो इन्हें खत्म करना चाहते हैं। अब इस मामले में LG की एंट्री हुई है। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर सीएम केजरीवाल के स्वास्थ्य हाल का जिक्र किया है। साथ ही अपने तबीयत को जानबूझकर खराब करने का आरोप लगाया है।

उठाना पड़ सकता है नुकसान
उन्होंने पत्र में लिखा कि पर्याप्त मात्रा में घर का मिलने के बाद भी अरविंद केजरीवाल जानबूझर प्रॉपर खाना नहीं खा रहे हैं। जिसकी वजह से उनका वजन भी कम हो रहा है। हालांकि उनका स्वास्थ्य ठीक है लेकिन कम कैलोरी की वजह से लगातार वजन में गिरावट आ रही है। उन्होंने खाने के साथ दवा के सेवन पर भी चिंता व्यक्त की है।

एलजी ने तिहाड़ जेल के अथॉरिटी से बात कर इसके पीछे का कारण जानने की बात कही है। उपराज्यपाल ने कहा कि अथॉरिटी की बात ना मानने पर उन्हें स्वास्थ्य और कानूनी रूप से बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। पत्र में लिखा कि जेल अधिकारी खाना और इंसुलिन की निर्धारित खुराक का सख्ती से पालन करने की सलाह दे सकते हैं।

स्वास्थय कंडीशन का पूरा डेटा
सीएम केजरीवाल के स्वास्थ का पूरा डेटा देते हुए पत्र में लिखा कि रिपोर्ट में वजन में कमी (आत्मसमर्पण की तिथि दो जून, 2024 को वजन 63.5 किलोग्राम था लेकिन अब 61.5 किलोग्राम रह गया है) का भी संकेत मिलता है। प्रथम दृष्टया, इसका कारण कम कैलोरी सेवन प्रतीत होता है। इसमें कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि 18 जून को उन्हें इंसुलिन नहीं दिया गया था या जेल प्राधिकारियों ने रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं किया था।

उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि अधिकतर दिनों में ‘ग्लूकोमीटर’ जांच की रीडिंग और लगातार ग्लूकोज निगरानी तंत्र (सीजीएमएस) की रीडिंग के बीच भी काफी अंतर हैं। उन्होंने कहा कि दोपहर के भोजन से पहले केजरीवाल की ‘ग्लूकोमीटर रीडिंग’ 104 एमजीएल थी, जबकि 19 जून को दोपहर साढ़े 12 बजे दोपहर के भोजन से पहले ‘सीजीएमएस रीडिंग’ 82 एमजीएल थी। उसने कहा, ‘‘ग्लूकोमीटर जांच रीडिंग और सीजीएमएस रीडिंग के बीच स्पष्ट अंतर को सक्षम चिकित्सा अधिकारियों द्वारा सत्यापित किए जाने की आवश्यकता है।”

उपराज्यपाल कार्यालय के अनुसार, मुख्यमंत्री ने छह जुलाई को तीनों समय निर्धारित आहार नहीं लिया और उन्हें नाश्ते से पहले पांच यूनिट इंसुलिन, दोपहर के भोजन से पहले चार यूनिट और रात के खाने से पहले दो यूनिट इंसुलिन दी गईं। जेल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि सात जुलाई को फिर से निर्धारित खुराक नहीं ली गई और उस दिन नाश्ते से पहले पांच यूनिट और दोपहर के भोजन से पहले चार यूनिट इंसुलिन दी गईं तथा ‘‘मुख्यमंत्री ने रात के खाने से पहले इंसुलिन लेने ने इनकार कर दिया।”

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