राजकोट: गुजरात के राजकोट शहर में ‘टीआरपी गेम जोन’ में आग लगने के मामले में पुलिस ने इसका संचालन करने वाले एक व्यक्ति और एक प्रबंधक को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. इस दर्दनाक हादसे में 9 बच्चों समेत कम से कम 32 लोगों की मौत हुई है. जांच में सामने आया है कि ‘गेम जोन’ के पास अग्नि संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी नहीं था. इसी बीच गेमिंग साइट पर लगी आग का एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वेल्डिंग करते समय ये आग लगती दिखाई दे रही है. वेल्डिंग से एक चिरांगी उठी और उसने पल में सब कुछ जाला डाला. चिंगारी पास में रखे प्लास्टिक के ढेर पर गिरी और उसमें आग लग गई.
वहां मौजूद श्रमिकों ने आग बुझाने का प्रयास भी किया लेकिन नाकाम रहे और आग ने पूरे ‘गेमिंग जोन को जला डाला. हालांकि इस वीडियो की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ये ‘गेम जोन’ की है.
राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने संवाददाताओं को बताया कि स्थानीय पुलिस ने नवंबर 2023 में गेमिंग जोन के लिए बुकिंग लाइसेंस दिया था, जिसे एक जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक की अवधि के लिए नवीनीकृत किया गया था.अधिकारी ने कहा, ‘गेम जोन को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी. इसने अग्निशमन संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था, इस पर काम प्रक्रिया में था और अभी तक पूरा नहीं हुआ था.’ उन्होंने कहा कि गेम जोन में अग्नि सुरक्षा उपकरण थे लेकिन आग पर काबू पाने के लिए की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं थी, जिससे शनिवार को त्रासदी हुई.