सूरत पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने लिंबायत इलाके में छापा मारकर एक नकली नोट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 500 और 200 रुपये के 9.32 लाख रुपये के नकली नोट और नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए गए हैं।
पुलिस को न्यूज चैनल का माइक और आईकार्ड भी मिला
छापे के दौरान पुलिस को फैक्ट्री से स्थानीय न्यूज चैनल का माइक और साप्ताहिक का आईकार्ड भी मिला। पुलिस का कहना है कि आरोपी इस फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा दे रहे थे। एसओजी टीम ने लिंबायत फिरोज सुपडु शाह उम्र 46, बाबुलाल गंगाराम कपासीया उम्र 41 और सफीकखान इस्माईलखान उम्र 53 को गिरफ्तार कर उनसे डुप्लीकेट नोट का जत्था एवं छपाई के लिए जरूरी सामग्री जब्त की है।
आरोपी 2015 में भी नकली नोट के मामले में गिरफ्तार हो चुका था
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी फिरोज शाह को 2015 में झारखंड से नकली नोट के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह हाईकोर्ट से जमानत पर छूटकर सूरत आया था और यहां जमीन दलाली और ब्याज वसूली का काम करने लगा था।
पांच लाख रुपये के ऑपरेशन के लिए किए फर्जी नोट
पुलिस पूछताछ में फिरोज शाह ने बताया कि उसके एक रिश्तेदार की आंख का ऑपरेशन होना था, जिसके लिए पांच लाख रुपये की जरूरत थी। आसानी से पैसे कमाने के लिए उसने दो महीने पहले नकली नोट छापने का काम शुरू किया था।
मध्य प्रदेश से लाते थे कागज और स्याही
फिरोज शाह और उसके साथी मध्य प्रदेश से नकली नोट छापने के लिए कागज और स्याही लाते थे। पुलिस ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 489, 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
यह घटना जिले में नकली नोटों के बढ़ते खतरे को लेकर चिंता जताती है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध नोट के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करें।