नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) की और से मांगी गई माफी को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फटकारते हुए कहा कि, बिना शर्त माफी मांगने से हम बिलकुल भी संतुष्ट नहीं हैं। आज इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी रामदेव का बिना शर्त माफी का हलफनामा भी स्वीकार करने से भी इनकार किया।अदालत ने कहा कि हम अंधे नहीं हैं। हम माफीनामा स्वीकार करने से भी इनकार करते हैं।
जस्टिस अमानुल्ला ने कहा कि इन लोगों ने एक नहीं तीन-तीन बार हमारे आदेशों की अनदेखी की है। इन लोगों ने गलती को है इनको नतीजा भुगतना होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हम केंद्र सरकार के जवाब से भी बिल्कुल संतुष्ट नहीं है। अज जब पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष योग गुरु बाबा रामदेव का हलफनामा पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह विज्ञापन के मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगते हैं। इस पर गुस्से में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इसे जानबूझकर आदेश की अवहेलना मानते हैं। समाज को यह संदेश जाना चाहिए कि न्यायालय के आदेश का बिल्कुल भी उल्लंघन न हो।