“किसी की सलाह से रास्ता जरूर मिलता है, मंजिल पर तो सिर्फ अपनी ‘मेहनत’ से ही मिलते हैं।”
हिंदी विचार का अर्थ – यह विचार जीवन में परिश्रम के महत्व को दर्शाता है। दूसरों की सलाह ही हमें सफलता की दिशा में आगे बढ़ा सकती है, लेकिन सफलता पाने के लिए हमें खुद ही मेहनत करनी पड़ती है। क्या आप जानते हैं, इस दुनिया में लगभग ७५% लोग मेहनत करने से कतराते हैं?
क्यों?
क्योंकि वे असफलता से डरते हैं। अब, बिना कोशिश किए, बिना किसी भी लक्ष्य के, आप थान लेंगे की यदि असफ़लता हासिल हुई तो? यह ‘यदि’ बहुत बड़ा है। यह आपकी मानसिकता को ३६० डिग्री घूमा देता है। यह आपकी एकाग्रता को भंग करने की क्षमता रखता है। और ९०% से ज़्यादा असफलताओं की वजह एकाग्रता भंग होना है।
मेहनत की परिभाषा क्या है?
सरल शब्दों में, मेहनत आपकी आपके कार्य के प्रति आपकी निष्ठा है। यदि आप पूरी निष्ठा से कुछ करेंगे ही नहीं, तो सफलता कैसे प्राप्त होगी, भला? जब भी कोई कहता है कि उन्होंने पूरी मेहनत की लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया, तब आप इस बात को लिख लीजिए कि या तो उन्होंने पूरी कोशिश ही नहीं कि या फिर उनकी प्रतिक्रिया में कहीं ना कहीं, कोई ना कोई खामियां ज़रूर रही होगी। मेहनत हमारे कर्म की निष्ठा का मापदंड है। बिना मेहनत के ज़िंदगी में कुछ भी हासिल नहीं होता, यह ज़िंदगी भी नहीं। हाँ, कभी कभी तुक्का लग जाता है लेकिन वह हमारे पहले कभी की गई मेहनत का परिणाम होता है। लेकिन जैसे हर दिन, रविवार नहीं होता, ठीक वैसे ही हर बार लॉटरी नहीं लगती।
मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता बी आशीष ने इसका स्क्रिप्ट और डायलॉग लिखा है।