Urdu BMC School: मौत के साए में 1200 बच्चों की ज़िन्दगी, जर्जर ईमारत ढहने का इंतज़ार का रहा है प्रशासन!

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मुंबई: रफी अहमद किदवई मार्ग स्थित शिवडी क्रास रोड के मनपा संचालित उर्दु स्कूल की जर्जर इमारत कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकती है। इसको लेकर मनपा प्रशासन ने स्कूल को अन्यंत्र हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। वहीं बच्चो के अभिभावकों मे भारी नाराज़गी देखी जा रही है। उन्होंने विभाग पर मनमानी का आरोप लगाया है। रफी अहमद किदवई नगर स्थित शिवडी क्रास रोड का उर्दु स्कूल इन दिनों जर्जर स्थिति के बावजूद उर्दु के बच्चों को पढ़ाने के लिये मजबूर हैं। 

मौत के साए में 1200 बच्चों की ज़िन्दगी 

यहां 1200 बच्चे मौत के साए मे तालीम हासिल कर रहे हैं। विद्यालय मे जगह-जगह लोहे के सपोर्टर लगे हुए देखे जा सकते हैं। छत की सीलिंग भी टपकती रहती है, जो कभी भी किसी दुर्घटना का कारण बन सकती है। महानगर पालिका का ये स्कूल एफ-साऊथ विभाग के अन्तर्गत आता है। शिक्षा विभाग की प्रशासकीय अधिकारी वीणा सोनावणे ने उर्दु स्कूल की स्थिति देखते हुए तत्काल इसे अन्यत्र हस्तांतरित करने की अपील वरिष्ठ अधिकारियों से की और उसे मंजूरी भी मिल गई। 

अभिभावकों में बढ़ा गुस्सा, किया विरोध 

स्कूल को परेल के एम पी एस मे हस्तांतरित किया जाना है, वहां 1200 बच्चों को समाहित करने की अतिरिक्त व्यवस्था है, प्राइमरी शिवड़ी एम पी एस में 5 वीं शिफ्ट की जा रही है, जो मात्र एक किलो मीटर और परेल के स्कूल में 9 वीं और 10 वीं को जी 2 किलोमीटर की दूरी पर है। बच्चों के अभिभावकों का आरोप है की शिक्षा अधिकारी उर्दु के बच्चों के साथ मनमानी कर रहे हैं, जबकि स्कूल को रिपेयर करके भी बच्चों को पढाया जा सकता है, उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं के पास भी दौड़ धूप करनी शुरु कर दी, शिवसेना उद्धव गुट के नेता मयूर चंद्रकांत कांबले ने उन्हे इन्साफ दिलाने का आश्वासन दिया है। 

सफी शैख नामक अभिभावक का कहना है कि उर्दु माध्यम के इस स्कूल में 1200 बच्चे पढ़ते हैं परीक्षाएँ चल रही हैं। ऐसे मे बच्चो को 6 किलोमीटर दूर के स्कूल में हस्तांतरित करना मनमानी नहीं तो और क्या कहा जायेगा, हम इसके लिये हर सम्बंधित विभाग जा रहे हैं। जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे। 

वीणा सोनावणे (प्रशासकीय अधिकारी) ने बताया, स्कूल में बच्चों को एक दिन भी पढ़ाना खतरे से खाली नही है। हम बच्चों की जान से खिलवाड़ नहीं कर सकते, स्कूल को हस्तांतरित करने की अपील हमने विभाग से की थी उसे तत्काल प्रभाव से मंजूरी मिल गई है। इमारत की 4 थी मंजिल के कमरे सील कर दिए गए हैं, क्योकि अगर वो गिरा तो नीचे भी उसका असर होगा, अब बच्चों के इम्तिहान बारा देवी स्थित एम पी एस स्कूल मे होंगे। जब हमारे पास व्यवस्था है तो फिर हम रिस्क क्यों ले, ये आरोप लगाने वाले अगर कोई घटना हो जायेगी तो उल्टे हम पर आरोप लगायेंगे। 27 फरवरी से बच्चों को यहां नहीं पढ़ाया जायेगा। 

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