Maharashtra: ‘क्या स्वामीनाथन को भारत रत्न देना…’, NCP शरद पवार गुट का केंद्र पर हमला

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Maharashtra News: किसान आंदोलन के बीच कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन (MS Swaminathan) को भारत रत्न (Bharat Ratna) दिए जाने को लेकर शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने केंद्र को घेरा है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार ने रविवार (25 फरवरी) को पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने किसान विरोधी रुख से ध्यान भटकाने के लिए जाने माने कृषि वैज्ञानिक दिवंगत डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न दिया है?
एनसीपी के शरद पवार गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो (Clyde Crasto) ने कहा वर्तमान में विरोध कर रहे किसान संगठनों की मुख्य मांगों में से एक स्वामीनाथन के फॉर्मूले के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को लागू करना है, लेकिन केंद्र सरकार इसे लागू करने के लिए तैयार नहीं है.
शरद पवार गुट वाली NCP का केंद्र पर हमला
NCP के शरद पवार गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने आगे कहा कि किसानों का मौजूदा विरोध प्रदर्शन शुरू हुए दो हफ्ते से ज्यादा का वक्त हो गया है. सरकार ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने और अपनी मांगें रखने से रोक दिया है. क्रैस्टो ने कहा- 2020-21 में भी किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया था और कई लोगों की जान जाने के बाद सरकार ने किसानों की मांग के अनुसार तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था.
स्वामीनाथन को भारत रत्न देने पर क्रैस्टो ने क्या कहा?
क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि दिवंगत कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न देने का केंद्र सरकार का कदम उनके किसान विरोधी रुख से ध्यान भटकाना है. अगर भाजपा वास्तव में स्वामीनाथन को भारत रत्न देने के कदम में विश्वास करती है, तो उसे किसानों के कल्याण के लिए उनके एमएसपी (MSP) फॉर्मूले को भी लागू करना चाहिए.
एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश की तीन बड़ी हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करना का एलान किया था. सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा की है. पीएम मोदी ने खुद एक पोस्ट में लिखा था कि जब देश चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा था तो भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में एमएस स्वामीनाथन ने अहम भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास किए.

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