नई दिल्ली. नया साल देश के बेरोजगारों के लिए नई उम्मीदें लेकर आने वाला है। कई प्रतिष्ठित संस्थानों ने अपने अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि 2024 में रोजगार सृजन में उछाल आएगा और पिछले साल के मुकाबले करीब 19 फीसदी की वृद्धि दर्ज होगी। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) और डेटा में निवेश की काफी संभावनाएं हैं, जिससे कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के साथ-साथ भविष्य में नई नौकरियों के सृजन को बढ़ावा मिलेगा। आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद अगले साल की पहली छमाही में सिर्फ फ्रंटलाइन वर्करों के लिए करीब 39 लाख नौकरियां सृजित होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले आठ-दस महीनों में हमने वैश्विक मंदी के प्रभाव को झेल लिया है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अगले साल जॉब मार्केट में तेजी आएगी।
एसएएएस और फ्रंटलाइन वर्कफोर्स मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म बेटरप्लेस ने व्यापक विश्लेषण करने के बाद रिपोर्ट जारी की है, जिससे पता चलता है कि लगभग आधी नियुक्तियां माल ढुलाई व परिवहन उद्योग में होने वाली है। दूसरे और तीसरे स्थान पर ई-कॉमर्स (27 फीसदी) और आइएमएफ व आइटी सेक्टर (13.7 फीसदी) रहने वाला है। कुल मांग में सबसे कम योगदान देने वाले क्षेत्रों में बीएफएसआइ (0.87 प्रतिशत) और खुदरा और क्यूएसआर (1.96 प्रतिशत) शामिल हैं।