नई दिल्ली: दिल्ली की एक राउज एवेन्यू कोर्ट ने आज ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव IAS स्टडी सर्किल एक कोचिंग सेंटर के उस ‘बेसमेंट’ के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी, जिसमें पानी भरने के कारण सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई थी।
आज इस बाबत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने कहा, “जांच अभी शुरुआती चरण में है। मैं जमानत देने के पक्ष में नहीं हूं।” इस मामले में अदालत का विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं हो पाया है। अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ‘बेसमेंट’ के चार सह मालिकों – परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह – के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 17 अगस्त को याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जानकारी दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में हुई छात्रों की मौत की घटना की जांच हाल में पुलिस से सीबीआई को सौंप दी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि “लोगों को जांच पर कोई संदेह न रहे।”
जानकारी दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट बीते 17 अगस्त को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका पर अदालत ने 23 अगस्त के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
तब सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता ने अपने मुवक्किलों के बचाव में दलील दी थी कि छात्रों की मौत एक दैवीय घटना थी, नगर निगम ने अगर अपने कर्तव्यों का पालन किया होता तो इसे टाला जा सकता था। अधिवक्ता ने दलील दी थी कि बेसमेंट में पहले पुस्तकालय नहीं था, बल्कि छात्रों के लिए कक्षाएं शुरू होने से पहले वाला एक प्रतीक्षा क्षेत्र ही था।
उन्होंने यब भी तर्क दिया थी कि यह स्थापित करने के लिए कि मौतें लापरवाही के कारण हुई हैं, उनके बीच सीधा संबंध भी होना चाहिए। अधिवक्ता ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल गिरफ्तारी से बच नहीं रहे थे, बल्कि घटना के बारे में पता चलने के बाद वे खुद ही स्वेच्छा से पुलिस स्टेशन पहुंचे थे।



