
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनकी पार्टी राकांपा (अजित) ने अपनी छवि सुधारने और आगामी चुनावों का प्रचार करने के लिए एक बार फिर निजी इमेज बिल्डिंग कंपनी के साथ करोड़ों रुपए की नई डील की है। यह वही कंपनी है जिसने पिछली विधानसभा चुनाव में पार्टी का अभियान संभाला था। विपक्ष ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि सरकार के पास किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पैसा नहीं है, लेकिन पार्टी की इमेज चमकाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं राकांपा (शरद) गुट ने भी इस मुद्दे को लेकर अजित गुट पर निशाना साधा है।
फिर इमेज बिल्डिंग कंपनी के भरोसे
बीते विधानसभा चुनाव में राकांपा (अजित) के कार्यक्रमों में गुलाबी रंग का अचानक प्रभुत्व दिखा। इसके पीछे पार्टी ने अपनी इमेज सुधारने और चुनाव प्रचार के लिए 200 करोड़ रुपए में डिजाइन बॉक्स कंपनी को ठेका दिया था। अब आगामी स्थानीय चुनावों के लिए भी उसी कंपनी को जिम्मेदारी मिलने पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि किसानों की परेशानियों और कर्ज माफी की आवश्यकता होने के बावजूद उपमुख्यमंत्री गुलाबी रंग चमकाने पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं। राकांपा (शरद) प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि जब सरकार में रहते हुए भी अपने काम पर भरोसा नहीं है, तो इस तरह की कंपनियों का सहारा लेना पड़ता है।
कर्मचारियों की छंटनी और विरोध
पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले अजित गुट ने जब डिजाइन बॉक्स कंपनी के साथ करार किया, तो पार्टी कार्यालय से एक दर्जन से अधिक लोगों का रोजगार छिन गया। इस दौरान पार्टी के सोशल मीडिया विंग को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया। इससे प्रभावित कर्मचारियों को नए रोजगार के लिए अलग-अलग जगह प्रयास करना पड़ा। इस कदम ने पार्टी की आलोचना और विवाद को जन्म दिया।
विपक्षी प्रतिक्रिया और वित्तीय सवाल
विपक्षी दलों का आरोप है कि इमेज बिल्डिंग पर खर्च किए जाने वाले पैसे की स्रोत की जांच होनी चाहिए। तपासे ने कहा कि राज्य में किसान आत्महत्या और कर्ज जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं, जबकि सरकार के नेता अपनी निजी और पार्टी की छवि चमकाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं। इससे चुनावी राजनीति में नैतिकता और प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।