नई दिल्ली : बाजार नियामक सेबी ने सट्टेबाजी आधारित कारोबार को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सेबी ने सट्टेबाजी पर आधारित कारोबार पर लगाम लगाने के लिए कुछ नियमों को कड़ा कर दिया है। सेबी ने कॉन्ट्रेक्ट साइज में संशोधन और ऑप्शन प्रीमियम के अग्रिम कलेक्शन का प्रावधान कर इंडेक्स डेरिवेटिव से जुड़े नियमों को और भी सख्त करने का प्रस्ताव रखा है। सेबी का यह प्रस्ताव केंद्रीय बजट में डेरिवेटिव खंड में खुदरा कारोबारियों की अत्यधिक दिलचस्पी से उपजी चिंताओं को दूर करने के लिए एक अक्टूबर से वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) सौदों पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ाने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है।
आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट 2023-24
इससे पहले, आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट 2023-24 में भी डेरिवेटिव खंड में खुदरा निवेशकों की बढ़ती रुचि पर चिंता जताई थी। समीक्षा के मुताबिक, एक विकासशील देश में सट्टा कारोबार की कोई जगह नहीं है।
कारोबार के दौरान निगरानी
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने परामर्श पत्र में साप्ताहिक सूचकांक उत्पादों को तर्कसंगत बनाने, सौदे के दायरे की दिन में कारोबार के दौरान निगरानी, कीमतों को वाजिब बनाने, एफएंडओ सौदों के निपटान के दिन कैलेंडर स्प्रेड लाभ को हटाने और निकट अनुबंध समाप्ति मार्जिन को बढ़ाने जैसे उपायों का प्रस्ताव रखा है।
सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित
सेबी ने इन प्रस्तावों पर 20 अगस्त तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। बाजार नियामक ने कहा कि व्यापक बाजार मापदंडों में देखी गई वृद्धि को देखते हुए सूचकांक डेरिवेटिव अनुबंधों के लिए न्यूनतम अनुबंध आकार को दो चरणों में संशोधित किया जाना चाहिए।
अनुबंध का न्यूनतम मूल्य 20 लाख रुपये
पहले चरण के तहत, शुरुआत में डेरिवेटिव अनुबंध का न्यूनतम मूल्य 15 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच होना चाहिए। सेबी के मुताबिक, छह महीने के बाद दूसरे चरण के तहत अनुबंध का न्यूनतम मूल्य 20 लाख रुपये और 30 लाख रुपये के बीच रखा जाना चाहिए।
आपको बता दें कि संसद में इस हफ्ते ही आर्थिक समीक्षा पेश की गई है, जिसमें कई प्रकार के नियमों में संशोधन और प्रावधान किया जाने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संसद में आर्थिक समीक्षा पेश की है। इस आर्थिक समीक्षा बैठक में भारत में चीनी निवेश की बात की सामने आयी थी।