Disha Salian News: दिशा सालियान मामले में एक बड़ी जानकारी सामने आई है, जिसमें सतीश सालियान के वकील नीलेश ओझा ने दावा किया है कि उन्हें उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति मिल गई है. इस रिपोर्ट के बारे में उनका कहना है कि यह जांच को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती है. ओझा के अनुसार, रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सालियान का शव नग्न अवस्था में पाया गया था, जो पहले के दावों का खंडन करता है.
उनका आरोप है कि मालवनी पुलिस ने जानबूझकर तीन साल से अधिक समय तक रिपोर्ट को दबाए रखा और इस का कंटेंट गैंगरेप और हत्या के संदेह को पुष्ट करती है, जिसके बाद मामले को छुपाया गया.
ओझा ने रिपोर्ट में कई विसंगतियों की ओर इशारा किया:
पोस्टमार्टम में 60 घंटे की देरी: मौत के लगभग तीन दिन बाद शव परीक्षण किया गया, जिससे फोरेंसिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ और सबूतों से छेड़छाड़ की चिंताएं पैदा हुईं.
विरोधाभासी चोटें: रिपोर्ट में गंभीर आघात का उल्लेख किया गया है, जिसमें खोपड़ी के फ्रैक्चर और सामने के दांत गायब होना शामिल है, फिर भी अंतिम संस्कार की तस्वीरों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों में कथित तौर पर कोई स्पष्ट चोट नहीं दिखाई देती है.
घटनास्थल पर खून नहीं: सिर पर चोट लगने और भारी रक्तस्राव की रिपोर्ट के बावजूद, कथित गिरने वाली जगह या उसके कपड़ों पर खून के धब्बे नहीं पाए गए. यह पुलिस के पहले के दावे का खंडन करता है कि उसका शरीर खून से लथपथ पाया गया था.
जालसाजी और दमन: रिपोर्ट में शरीर पर कपड़ों की अनुपस्थिति को ठीक से नहीं बताया गया, जिससे हेरफेर का संदेह हुआ.
नीलेश ओझा ने सबूतों से छेड़छाड़ और न्याय में बाधा डालने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है. इस बीच, दिशा सालियान के पिता और ओझा ने इस हफ्ते की शुरुआत में मुंबई पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की और आदित्य ठाकरे और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की.