
मुंबई/ नागपुर: नागपुर जिला परिषद और पंचायत समितियों का कार्यभार एक बार फिर प्रशासक के हाथ में होगा। महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक शनिवार यानी 18 जनवरी से जिला परिषद पर प्रशासक शासन शुरू हो जाएगा। सारा कार्यभार सीईओ के हाथ में होगा। 17 जनवरी से 13 पंचायत समितियों की कमान गट विकास अधिकारी (BDO) के हाथों में होगी। 5 साल पहले भी 6 माह के लिए प्रशासक नियुक्त किया गया था। नागपुर जिला परिषद पर महाविकास आघाड़ी की सत्ता है और कांग्रेस के पास बहुमत है। 18 जनवरी 2020 को पहली बैठक में तत्कालीन अध्यक्ष रश्मि बर्वे को चुना गया था। इसके पश्चात ढाई वर्षों के लिए अध्यक्ष मुक्ता कोकाडे चुनी गईं। अब उनका कार्यकाल 17 जनवरी को समाप्त हो रहा है तो सरकार ने एक बार फिर जिला परिषद की बागडोर प्रशासक को सौंप दी है।
सरकार जारी की अधिसूचना
पिछले कार्यकाल की तरह पदाधिकारियों का विस्तार किया गया। वर्तमान शासक इसी आधार पर विस्तार पाने की आशा कर रहे थे। उससे संबंधित प्रस्ताव भी आम सभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया। उक्त प्रस्ताव मंगलवार को विभागीय आयुक्त कार्यालय से भेजा गया था। बुधवार को सरकार ने तत्काल अधिसूचना जारी कर प्रशासन का जिम्मा प्रशासक को सौंप दिया।
नागपुर में 13 पंचायत समिति
नागपुर जिले में 13 पंचायत समितियां शामिल हैं अर्थात काटोल, कामठी, रामटेक, हिंगना, कुही, नरखेड़, उमरेड, सावनेर, कलमेश्वर, पारशिवनी, नागपुर (ग्रामीण), भिवापुर और मौदा पंस का कार्यकाल 16 जनवरी को खत्म हो जाएगा और यहां प्रशासक भी नियुक्त कर दिया जाएगा।
स्थायी समिति की बैठक आज
बुधवार को हुई विभिन्न विषयों पर समितियों की बैठक में केवल विदाई समारोह का माहौल रहा। अत: पदाधिकारियों के निजी सहायकों ने सामग्री प्रसारित करनी शुरू कर दी और अपने मूल प्रतिष्ठान में शामिल होने की मानसिकता बना ली। गुरुवार, 16 जनवरी को स्थायी समिति की बैठक का आयोजन किया जाएगा। यह आखिरी मुलाकात होगी, इसलिए लंबित फाइलों को निपटाने की अधिक संभावना है।
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