कोलकाता : बांग्लादेश में जारी हिंसा व उथल-पुथल की घटनाओं का असर आम लोगों के साथ-साथ कारण पड़ोसी देश से कोलकाता के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों पर भी पड़ने लगा है। इलाज के लिए नियमित तौर पर आने वाले मरीजों की संख्या में भारी गिरावट आई है। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि वहां के हालात से लोगों का आना जाना लगभग बंद सा हो गया है।
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले एक महीने से लगातार गिरावट जारी है क्योंकि अशांति ने हिंसक रूप ले लिया है। पीयरलेस अस्पताल के मुख्य कार्याधिकारी सुदीप्त मित्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि हमारे अस्पताल में हर दिन 180 से अधिक बांग्लादेशी मरीज आते हैं। आज यह संख्या घटकर 84 हो गई है। सोमवार को यह 129 थी। आगे इसे और भी घटने की उम्मीद जतायी जा रही है।
मणिपाल हॉस्पिटल्स, फोर्टिस हेल्थकेयर और अपोलो हॉस्पिटल्स जैसे अन्य निजी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में भी पड़ोसी देश के रोगियों की संख्या में गिरावट देखी गई है। इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि शहर के मणिपाल अस्पताल की तीन इकाइयों – ब्रॉडवे, ढाकुरिया और मुकुंदपुर में फिलहाल बांग्लादेश के लगभग 37 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से अधिकतर को ढाका में कांसुलर सेवाएं बंद होने से पहले इस महीने की शुरुआत में भर्ती कराया गया था।
फोर्टिस अस्पताल के एक अधिकारी के अनुसार, इस महीने बांग्लादेश से आने वाले मरीज हर दिन फोन करके अपनी तारीख आगे बढ़ाने का अनुरोध कर रहे हैं, ताकि हालात सुधरने के बाद वे अपना उपचार करवा सकें। लोगों को इस हालात से उबरने में समय लगेगा और हालात ठीक होने के बाद ही वे भारत में आ सकेंगे।