छत्तीसगढ़ PSC भर्ती घोटाला मामले में CBI ने 15 जगहों पर की छापेमारी

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नई दिल्ली : साल 2022 में हुई छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग परीक्षा में भाई-भतीजावाद के आरोपों के सिलसिले में सीबीआई ने राज्य में 15 जगहों पर छापे मारी की। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी और बताया कि इस मामले में नेताओं, अधिकारियों और लोक सेवकों के अयोग्य रिश्तेदारों को बड़े सरकारी पदों पर भर्ती किया गया।

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि रायपुर में भाई-भतीजावाद का कथित तौर पर लाभ उठाने वालों के छह, दुर्ग में तीन, महासमुंद और धामतारी में दो-दो और सरगुजा व बिलासपुर में एक-एक ठिकाने पर छापे मारे गए। अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई ने 16 ऐसे परीक्षार्थियों को नामजद किया है, जिन्हें उप कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक और अन्य बड़े पदों पर नियुक्त किया गया था।

आयोग के पूर्व अध्यक्ष सोनवानी के खिलाफ मामला दर्ज
सीबीआई के जांच अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने बुधवार को उनमें से 15 के परिसरों पर छापे मारे, जबकि एक परीक्षार्थी के आवास की पहले ही तलाशी ली जा चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और एक परीक्षा नियंत्रक पर जुलाई में अपने बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को मेरिट सूची में उच्च अंक लाने में मदद करने के लिए मामला दर्ज किया गया था।

बेटे-बहू-भतीजे को बनाया अधिकारी
आरोप है कि 2022 की परीक्षा में हेराफेरी हुई। इस परीक्षा के परिणाम 11 मई 2023 को घोषित किए गए थे। जांच अधिकारियों ने बताया कि सोनवानी के परिवार के पांच सदस्य भर्ती प्रक्रिया में लाभार्थी थे। इन पांच सदस्यों में उनका बेटा नीतेश और बहू निशा कोसाले (उप कलेक्टर), बड़े भाई का बेटा साहिल (पुलिस उपाधीक्षक), बहू दीपा अदिल (जिला आबकारी अधिकारी) और बेटी सुनीता जोशी (श्रम अधिकारी) शामिल हैं।

तत्कालीन सचिव ने बेटे के बनाया उप कलेक्टर
सीबीआई प्रवक्ता ने आगे बताया, “आरोप है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे सुमित का उप कलेक्टर के पद पर चयन कराया।” सीबीआई की प्राथमिकी में शामिल शिकायत में आरोप लगाया गया है कि क्रमांक 1-171 तक मेरिट में जगह बनाने वाले परीक्षार्थी कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों से संबंधित हैं।

घोटाले में बड़े नेताओं के रिश्तेदारों को मिला लाभ
शिकायत में उप कलेक्टरों की भी सूची है, जिनमें छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार जाल्क्सो के बेटे निखिल व बेटी नेहा, बस्तर नक्सल ऑपरेशन के डीआइजी पीएल ध्रुव की बेटी साक्षी, कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका कटियार व दामाद शशांक गोयल और कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला शामिल हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इसके अलावा, उप कलेक्टर के रूप में चुनी गई प्रज्ञा नायक और वित्तीय सेवा अधिकारी के रूप में चुने गए प्रखर नायक समेत कांग्रेस नेताओं के सहयोगियों के रिश्तेदार भी कथित घोटाले के लाभार्थी हैं।

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