मुंबई: मुंबई के घाटकोपर हादसे के मुख्य आरोपी भावेश भिंडे ने खुद को निर्दोष बताते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। भिंडे ने रिट याचिका दायर करते हुए जमानत देने का मांग की है। भावेश ने याचिका में इस हादसे को “एक्ट ऑफ गॉड” बताया है। साथ ही उस पर दर्ज केस भी रद्द करने का भी अनुरोध किया है।
ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भावेश भिड़े ने अपनी याचिका में कहा कि 13 मई को हुई घटना एक प्राकृतिक आपदा थी। इस हादसे के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। इसके साथ ही भावेश ने दायर याचिका में अपने दावों को साबित करने के लिए हवा की गति मापने वाली बीफोर्ट स्केल का भी इस्तेमाल किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि मौसम विभाग आंधी की भविष्यवाणी करने में नाकाम रहा।
“एक्ट ऑफ गॉड” है घाटकोपर हादसा
भावेश ने अपने याचिका में कहा कि मौसम विभाग ने 12 मई को दोपहर 1.15 बजे ऑल इंडिया समरी वेदर रिपोर्ट जारी की थी। उस बुलेटिन में मुंबई में धूल भरी आंधी और तेज हवाओं का कई जिक्र नहीं है। याचिका में भावेश ने कहा कि यह घटना “एक्ट ऑफ गॉड” था, प्राकृतिक आपदा थी। जिसके कारण यह हादसा हुआ है। इसके लिए याचिकाकर्ता को या ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
तेज हवा के कारण गिरा होर्डिंग
इस याचिका में यह भी कहा गया है कि यह होर्डिंग त्रुटियों के कारण नहीं बल्कि उस समय चल रही तेज हवाओं (96 किमी प्रति घंटे) के कारण गिरा। भावेश ने अपने याचिका में दावा भी किया है कि मौसम विभाग धूल भरी आंधी की भविष्यवाणी करने में नाकाम रह है। जानकारी के लिए बता दें कि मुंबई के घाटकोपर इलाके के पेट्रोल पंप पर एक 120*120 फीट की होर्डिंग गिरी थी। 13 मई को हुए हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए थे।