नई दिल्ली: आज यानी सोमवार को सदन में बजट सत्र की शुरूआत हुई। जिसके प्रारंभ में प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। कयास तो लगाए जा रहे थे कि विपक्ष बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार पर हमलावर होगा और ऐसा हुआ भी। जहां विपक्ष के द्वरा नीट विवाद को लेकर केंद्र सरकार से पूछे जाने वाले तीखे सवाल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र पधान की बौखलाहट साफ तौर पर नजर आई।
सांसद राहुल गांधी के द्वारा नीट विवाद पर तंज के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सोमवार को लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। जिसके बाद दोपहर के दो बजे राज्यसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने वाली है।
विपक्ष के सवाल पर धर्मेंद्र प्रधान
विपक्ष के लगातार तीखे सवाल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया या यू कहे कि विपक्ष के सवाल ने धर्मेंद्र प्रधान को अपना पक्ष रखने पर मजबूर कर दिया। नीट पेपर लीक मामले में विपक्ष के जोरदार हंगामे को देखते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया। उन्होने कहा पिछले सात सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं है। यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। चीफ जस्टिस इसकी सुनवाई कर रहे हैं। एनटीए के बाद 240 परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। 5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया और 4.5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया।
धर्मेंद्र प्रधान ने किया 2010 का जिक्र
राहुल के तंज पर धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि मैं देश की परीक्षा प्रणाली को बकवास कहने की निंदा करता हूं। जिन्होंने रिमोट से सरकार चलाई है। 2010 में कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल शिक्षा सुधार को लेकर तीन बिल लेकर आए थे। जिसमें उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुचित व्यवहार जैसे कैपिटेशन फीस मांगना, बिना योग्यता के छात्रों को प्रवेश देना, फीस रसीद जारी न करना, छात्रों को गुमराह करने से रोकना शामिल था। तो किसके दबाव में कांग्रेस सरकार और विपक्ष के नेता ने बिल को लागू नहीं होने दिया और हमसे सवाल पूछते हैं।
नीट विवाद पर राहुल का तंज
सदन में सांसद राहुल गांधी फुलफॉर्म में दिखे। जहां उन्होने सबसे पहले नीट पर ही केंद्र सरकार को घेरते हुए कुछ तीखे सवाल किए। राहुल गांधी ने बजट सत्र के दौरान नीट विवाद को लेकर कहा कि देश में लाखों छात्र हैं, जो इस बात से बेहद चिंतित हैं कि क्या हो रहा है और उन्हें यकीन है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक धोखा है। लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली खरीद सकते हैं।