सुनेत्रा पवार ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए दाखिल किया नामांकन, भुजबल का छलका दर्द

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पुणे. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने आगामी राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। इसी बीच अब महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने शुक्रवार को सांसद बनने की इच्छा जाहीर की। उन्हाेंने कहा कि वह नासिक क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे तथा राज्यसभा नामांकन के लिए भी उत्सुक थे।
भुजबल इन खबरों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राकांपा अध्यक्ष अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उच्च सदन के लिए उम्मीदवार बनाए जाने के बाद वह परेशान थे। यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा और राज्यसभा टिकट को लेकर उनके साथ अन्याय हुआ है, प्रमुख ओबीसी नेता ने कहा कि यह सवाल “उनसे” पूछा जाना चाहिए।
काफी अपमान हो चुका
भुजबल ने कहा, “यह मेरी इच्छा है (सांसद बनने की)। इसीलिए मैं नासिक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को तैयार था। मुझे बताया गया था कि दिल्ली में मेरा टिकट फाइनल हो गया है, मैंने काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन जब फैसला (नाम की घोषणा) एक महीने तक खिंच गया, तो मैंने काम बंद कर दिया क्योंकि काफी अपमान हो चुका था।”
सभी चीजें इच्छा के अनुसार नहीं होती
उन्होंने कहा कि भाजपा नीत महायुति गठबंधन में राकांपा की सहयोगी शिवसेना के हेमंत गोडसे भी नासिक से टिकट के लिए कोशिश कर रहे थे। भुजबल ने कहा कि उन्होंने तब फैसला किया कि जिसे भी टिकट मिलेगा, वह खुश रहेंगे। नासिक सीट पर शिवसेना (यूबीटी) के राजाभाऊ वाजे को जीत मिली। भुजबल ने कहा कि जब पार्टी के मामलों की बात आती है, तो सभी चीजें किसी एक की इच्छा के अनुसार नहीं होती हैं। उन्होंने कहा, “(उन्हें टिकट न देने के) कुछ कारण हो सकते हैं। कभी-कभी, यह नियति या कोई मजबूरी होती है।”
वंशवाद की राजनीति पर क्या बोले भुजबल
जब भुजबल से पूछा गया कि क्या राकांपा में “वंशवाद की राजनीति” हो रही है, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इससे पहले बृहस्पतिवार को भुजबल ने कहा था कि वह राज्यसभा टिकट के लिए उत्सुक थे, लेकिन वह सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज नहीं हैं और यह पार्टी का “सामूहिक निर्णय” था।
गौरतलब है कि फरवरी में प्रफुल्ल पटेल द्वारा अपनी सीट खाली करने और उनके छह साल के पूर्ण कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद उपचुनाव की आवश्यकता है।

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