पुणे। पुणे के चर्चित पोर्श कार हादसा मामले में पुलिस ने मंगलवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया। आरोप है कि दोनों आरोपियों ने ससून जनरल अस्पताल के आरोपी डॉक्टरों और पोर्श कार के किशोर चालक के पिता के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाई और पैसों की लेनदेन में मदद की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को तड़के हुए हादसे में दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। आरोप है कि जिस पोर्श कार से हादसा हुआ था, उसे 17 वर्षीय किशोर नशे की हालत में चला रहा था। किशोर के माता-पिता शिवानी और विशाल अग्रवाल को सबूत नष्ट करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन पर आरोपी नाबालिग के रक्त के नमूने से छेड़छाड़ करने का आरोप है। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों को भी किशोर के रक्त के नमूने बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने अशफाक मकानदार और अमर गायकवाड़ को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कथित तौर पर किशोर के पिता और आरोपी चिकित्सकों के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाई थी और वित्तीय लेनदेन में मदद की थी।
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘जांच के दौरान जानकारी मिली कि मकानदार और गायकवाड़ ने किशोर के पिता और आरोपी चिकित्सकों के बीच बिचौलिए का काम किया। उन्होंने कथित तौर पर ससून जनरल अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को डॉ. श्रीहरि हलनोर को रक्त के नमूने बदलने के लिए पैसे दिए थे।’ उन्होंने बताया कि दोनों ने घाटकांबले को कथित तौर पर तीन लाख रुपये दिए। अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तावड़े को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। वह कथित तौर पर इन दोनों और डॉ. हलनोर तथा घाटकांबले के बीच मुख्य कड़ी था।
पोर्श कार हादसा : आरोपी चिकित्सकों और किशोर के पिता के बीच बिचौलिये बने दो लोग गिरफ्तार
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