मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा संविधान को बदलने से संबंधित विपक्ष का दुष्प्रचार और उम्मीदवारों की घोषणा में देरी ने शिवसेना और उसके सहयोगियों को कुछ सीट पर नुकसान पहुंचाया। शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष की वोटबैंक की राजनीति ने राजग के प्रदर्शन को प्रभावित किया। उन्होंने कहा, ‘विपक्षी दलों ने निरंतर संविधान को बदलने का दुष्प्रचार किया। हम मतदाताओं में संदेह को दूर करने में विफल रहे। वोटबैंक की राजनीति के कारण भी हमें नुकसान हुआ।’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा में देरी से भी कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में नुकसान हुआ। शिंदे नासिक लोकसभा सीट का जिक्र कर रहे थे, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विरोध के बावजूद शिवसेना ने हेमंत गोडसे को मैदान में उतारा था। गोडसे, शिवसेना-उद्धव बालासाहेबा ठाकरे (यूबीटी) के उम्मीदवार से पीछे चल रहे हैं।
शिंदे ने हिंगोली और यवतमाल-वाशिम निर्वाचन क्षेत्रों से अपने मौजूदा सांसदों को भी बदल दिया था और पार्टी के दोनों उम्मीदवार इन सीट पर पीछे चल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘वोट बैंक की राजनीति ने भी हमें प्रभावित किया। मैं उन्हें (विपक्ष को) बताना चाहता हूं कि लोगों को वोट बैंक की राजनीति कभी पसंद नहीं आई। दिवंगत शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे को यह कभी पसंद नहीं थी।’ शिंदे की पार्टी ठाणे लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल करने में कामयाब रही। शिंदे ने अपना गढ़ माने जाने वाले ठाणे से अपने करीबी सहयोगी नरेश म्हास्के को मैदान में उतारा था। उन्होंने कहा, ‘जनता ने पिछले दो वर्षों में मेरी सरकार और पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किये कार्यों के लिए मतदान किया। ठाणे की जनता हमारे कार्यों के लिए हमारे साथ खड़ी रही।’
उम्मीदवारों की देरी से घोषणा ने शिवसेना, सहयोगियों को नुकसान पहुंचाया : शिंदे
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