मुंबई : शिवसेना में (शिंदे गुट) के नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने शरद पवार (Sharad Pawar) के बयान पर निशाना साधते हुए कहा है कि शरद पवार वैसे तो कई सालों से अपने मन में इस बात की इच्छा पाले हुए हैं कि उनकी पार्टी एनसीपी का कांग्रेस में विलय हो जाए और उनकी बेटी को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी सौंप दी जाए, लेकिन कांग्रेस पार्टी कभी भी इसके लिए तैयार नहीं हुयी। हालांकि एक बार फिर उनके राग अलापने के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। इतना ही नहीं बारामती में हार व राजनीतिक भविष्य से भी जोड़ा जा रहा है।
शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने कहा कि उनके ताजा बयान से ऐसा लगता है कि एक बार फिर उन्हें ऐसा महसूस होने लगा है कि वह बारामती में चुनाव हारने जा रहे हैं और अपनी बेटी के राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इसलिए वह इस तरह का बयान देकर कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। संजय निरुपम ने कहा कि शरद पवार की बेटी का मामला हमेशा उनके आड़े आ जाता है, क्योंकि वह अपनी बेटी के राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं और उसे महाराष्ट्र की राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। शरद पवार को लगता है कि उनकी बेटी अपने दम पर पार्टी को चला नहीं सकती है। इसीलिए वह कांग्रेस में अपनी पार्टी को मर्ज कराना चाहते हैं।
संजय निरुपम ने कांग्रेस और एनसीपी दोनों ‘लास मेकिंग कंपनी’ कहते हुए कहा कि इनके मर्जर का भी भविष्य में कोई फायदा नहीं होने वाला है। कांग्रेस पार्टी खुद छोटे-छोटे राजनीतिक दलों को मिलाकर अपना पेट फूलना चाहती है। ऐसे में वह शरद पवार के ऑफर को स्वीकार नहीं करेगी।
संजय निरुपम ने पीटीआई को दिए बयान में कहा कि, “शरद पवार वास्तव में अपनी इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। मैं बताना चाहता हूं कि कई साल पहले शरद पवार ने कोशिश की थी कि उनकी पार्टी का कांग्रेस में विलय हो जाए, लेकिन उनकी बेटी का मुख्य बाधा बन रही है, क्योंकि वे चाहते हैं कि उनकी बेटी को महाराष्ट्र में कांग्रेस का नेतृत्व सौंपा जाए। इसको लेकर कांग्रेस कभी राजी नहीं हुयी। उनके ताजा बयान से पता चलता है कि उन्हें बारामती में हार का सामना करना पड़ रहा है। इसीलिए वह ऐसी बातें कहकर अपने लिए माहौल बनाना चाहते हैं।”
Sanjay Nirupam:कांग्रेस-NCP ‘लॉस मेकिंग कंपनी’, दोनों के विलय का नहीं होगा कोई फायदा
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