Bhiwandi TB patient:टीबी मुक्त भारत अभियान का बना मज़ाक, दवा के लिए दर-दर भटक रहे मरीज़

Date:

Share post:

भिवंडी: भिवंडी में टीबी बीमारी से पीड़ित हजारों मरीज जरूरी मेडिसिन की खातिर भटक रहे हैं। टीबी विभाग की लापरवाही से हजारों मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है। टीबी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रही डा. बुसरा सय्यद शासन से दवा नहीं मिलने का हवाला देते हुए मेडिकल स्टोर से मेडिसिन खरीदी कर मरीज को देने का भरोसा दे रही हैं। टीबी रोग प्रतिरोधक मेडिसिन की खातिर टीबी विभाग के बाहर घूम रहे मरीजों ने उनके दावे को सिरे से खारिज करते हुए मेडिसिन मिलने के दावे को सिरे से खारिज कर पोल खोल दी। आरोग्य विभाग आयुक्त से शिकायत पर उन्होंने त्वरित जांच का भरोसा दिया है।
गौरतलब हो कि, भिवंडी में टीवी विभाग के आंकड़ों के अनुसार कुल 4,254 मरीज हैं। शासन द्वारा सभी मरीजों को प्रतिमाह मुफ्त मेडिसिन के साथ ही पौष्टिक खानपान के लिए 500 रुपए बैंक खातों के माध्यम से दिए जाते हैं। अधिसंख्यक मरीजों का आरोप है कि, शासन द्वारा मुफ्त दी जाने वाली मेडिसिन 3FDC, 4FDC सहित पैसे की खातिर बारंबार आईजीएम स्थित टीबी विभाग और हेल्थ सेंटर की भागदौड़ करनी पड़ती है।
विगत मार्च माह से 3 FDC नामक जरूरी मेडिसिन नहीं मिलने की वजह से कई मरीज गंभीर दशा में टीबी विभाग में मेडिसिन की खातिर मुंह बांधकर खांसते हुए चक्कर काटते दिखाई पड़ते हैं। टीवी मरीजों की सेवा कार्य में जुटा हुमाना एनजीओ में कार्यरत महिला कर्मी अलीशा शेख ने बताया कि, करीब 2 माह से 3 FDC नामक जरूरी मेडिसिन नहीं मिलने से मरीज दुख भोग रहे हैं। शांतिनगर निवासी टीवी मरीज मुस्कान, हसीबुल निशा ने भी मेडिसिन नहीं मिलने से नाराजगी जताते हुए कहा कि विगत 2 माह से दवा नहीं मिलने से हालत खराब हो गई है। टीबी जांच की मशीनें भी अक्सर बंद रहने से समय से जांच नहीं होती जिससे खतरा बढ़ता है।
कई मरीजों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि टीबी डा.बुसरा को कार्पोरेशन में प्रभारी मुख्य वैद्यकीय अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज होने से वे काफी बिजी रहती हैं। टीबी विभाग भगवान भरोसे है.वे टीबी विभाग पर कोई ध्यान नहीं देती अपितु बोगस आंकड़ा दिखाकर शासन से भिवंडी में टीवी मरीजों की कमी का अवार्ड लेने में मस्त हैं। झोपड़पट्टी निवासियों का आरोप है कि, टीबी के गरीब मजदूर मरीजों को जरूरी सुविधा नहीं मिलने से प्राइवेट अस्पताल में महंगा नहीं कर सकने की दशा में समुचित इलाज के अभाव में कई मरीजों की जान चली जाती है।
मरीजों का आरोप है कि, भिवंडी में शासन द्वारा टीबी विभाग को प्रति वर्ष करीब 5 करोड़ का फंड मरीजों की सुविधा के लिए मुहैया कराया जाता है जिसमे भारी भ्रष्टाचार होता है। भिवंडी में शासन द्वारा प्रति वर्ष करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी विगत 10 वर्षों में टीबी मरीजों के आंकड़ों में कोई कमी नहीं हुई है।
टीबी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2015 में 1795 मरीज, 2016 में 1883, 2018 में 3226, 2019 में 4417, 2020 में 3462, 2021में 4476, 2022 में 4525, 2023 में 4254 और 2024 अप्रैल माह तक 1170 मरीज रजिस्टर्ड हैं। शांतिनगर, गुलजार नगर, आजमी नगर, नदीनाका आदि झोपड़पट्टी बहुल एरिया में अधिसंख्य टीबी मरीज चिन्हित हैं।
टीबी मरीजों की जान को बढ़ रहा खतरा
जनहित सामाजिक संस्था ने मुख्यमंत्री,हेल्थ कमिश्नर, पुणे टीबी विभाग को लिखित पत्र भेजकर टीबी विभाग का जिम्मा संभाल रही डा.बुसरा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाया है। संस्था का आरोप है कि, मनपा में प्रभारी मुख्य वैद्यकीय अधिकारी के पद पर डा.बुसरा करीब 3 वर्ष से कार्यरत है। टीबी विभाग पूर्णतया लावारिस है। वे दोनो पदों पर न्याय नहीं कर पा रही हैं। टीबी मरीजों के हित में डा.बुसरा को मनपा से हटाकर टीबी विभाग में ही भेजना चाहिए। टीबी विभाग में वर्षों से चल रहे भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच भी होनी चाहिए।

Related articles

जिल्हाधिकारी कार्यालयाच्या अधिनस्त महसूल कार्यालयांमार्फत पुरविण्यात येणाऱ्या सेवांचा नागरिकांनी लाभ घ्यावा*

पी.वी.आनंदपद्मनाभन* ठाणे, राज्यातील नागरिकांना जास्तीत जास्त शासकीय सेवा मोबाईलच्या माध्यमातून उपलब्ध झाल्या पाहिजेत. त्यासाठीची ऑनलाईन प्रणाली विकसीत करा, अशी...

सैफ अली खान पर हमला करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने किया गिरफ्तार

अभिनेता सैफ अली खान पर एक घुसपैठिये ने चाकू से हमला किया था, जिससे उनकी गर्दन और रीढ़...

‘Zero Pendency and Daily Disposal’ Initiative to Resolve Pending Files in Higher and Technical Education Department

P.V.Anandpadmanabhan Mumbai, Jan 16 : The Higher and Technical Education Department is effectively implementing the Zero Pendency and Daily...