मुंबई: बांद्रा स्थित अभिनेता सलमान खान (Salman Khan) के आवास के बाहर गोलियों की तड़तड़ाहट (Firing) ने एक बार फिर मायानगरी को दहला दिया है। मुंबई और आसपास के शहरों में बढ़ती गोलीबारी की घटना ने 90 के दशक के अंडरवर्ल्ड के दौर की याद ताजा कर दी है। अपनी चुस्त-दुरुस्त कार्यप्रणाली से स्कॉटलैंड यार्ड के बाद दुनिया के दूसरे नंबर पर बेस्ट पुलिस का तमगा हासिल करने वाली मुंबई पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मुंबई में दिन दहाड़े फयरिंग की लगातार घटनाओं ने मुंबई पुलिस और लोगो की सुरक्षा पर सवाल उठा दिया है। क्या मुंबई में लोगो की सुरक्षा अब राम भरोसे चल रही है।
एक के बाद एक फायरिंग की घटना से दहल उठी मुंबई
हाल ही में बोरीवली के पूर्व नगरसेवक की गोली मारकर हत्या, ठाणे के शिवसेना विधायक द्वारा एक नेता पर पुलिस स्टेशन के अंदर गोलीबारी और एंटॉप हिल के सायन कोलीवाड़ा इलाके में दिनदहाड़े हुई फायरिंग का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है।
ना के बराबर पेट्रोलिंग और बंद होती बीट चौकियां चिंता का विषय
मुंबईकरों की मानें तो सड़कों और इलाकों से पुलिस पेट्रोलिंग नदारद हो गई है. पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाली बीट चौकियां भी अधिकतर बंद है. पुलिस स्टेशनों के पुलिसकर्मियों को नेताओं की सुरक्षा में लगाया गया है. पुलिस जांच के और कार्रवाई के समय भी संख्या कम होने की बात कहती है, जिसकी वजह से अपराध में तेजी से वृद्धि हो रही है.
अभिनेता सलमान खान को मिली धमकियों के बाद, मुंबई पुलिस ने अगस्त 2022 में अभिनेता को आत्म-सुरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस जारी किया, नवंबर 2022 में, महाराष्ट्र सरकार ने उनके सुरक्षा स्तर को एक्स श्रेणी से वाई प्लस श्रेणी में अपग्रेड कर दिया था। जबकि एक्स श्रेणी की सुरक्षा में आमतौर पर एक गनमैन होता है, वहीं वाई श्रेणी की सुरक्षा में मोबाइल सुरक्षा के लिए एक गनमैन और स्थिर सुरक्षा के लिए एक (रोटेशन पर चार प्लस) होता है। Y+ में मोबाइल सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मी (रोटेशन पर चार प्लस) और निवास सुरक्षा के लिए एक (रोटेशन पर चार प्लस) पुलिसकर्मी हैं।
फिल्मी सितारे सुरक्षित नहीं, मुंबईकरों का क्या ?
रुखसाना सिद्दीकी, पूर्व सपा नगरसेविका का कहना है कि एक फिल्म स्टार को Y+ सिक्योरिटी के बावजूद, पुलिस की नाक के नीचे दिनदहाड़े उसके घर पर फायरिंग हो रही है, तो आम मुंबईकरों की सुरक्षा किसके भरोसे? ये घटना मुंबई पुलिस की सुरक्षा पर धब्बा जैसी है। पुलिस पर भरोसा है कि वो निष्पक्ष जांच करेगी और असली गुनहगारों का पर्दाफाश करेगी।
Salman khan house firing:राम भरोसे है मुंबई? पुलिस पर उठा सवाल, दिनदहाड़े फायरिंग पर क्या बोले लोग
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