नई दिल्ली : केंद्र सरकार (Modi Government) ने समलैंगिक (Homosexuals) समुदाय के मुद्दों पर गौर करने के लिए कैबिनेट सचिव की अगुवाई में एक समिति गठित की है। इन मुद्दों में बिना भेदभाव के सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय तलाशना तथा यह देखना शामिल है कि इस समुदाय से जुड़े लोगों को हिंसा के खतरों का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए सरकार ने कोर्ट के आदेश के लगभग 6 महीने बाद इस संदर्भ में पहल की है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष 17 अक्टूबर को केंद्र सरकार से समलैंगिक समुदाय के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने को कहा था जिसके अनुपालन में यह समिति गठित की गई है।
मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, समिति इस समुदाय से जुड़े मुद्दों को देखेगी तथा केन्द्र और राज्य सरकार को ऐसे कदमों के बारे में सुझाव देगी जिससे समलैंगिक समुदाय को वस्तुओं और सेवाओं तक बिना किसी भेदभाव तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। यह समिति उठाए जाने वाले कदमों की भी जांच करेगी ताकि समलैंगिक समुदाय को हिंसा, उत्पीड़न आदि के खतरे का सामना न करना पड़े।
केंद्रीय गृह सचिव, विधायी सचिव, स्वास्थ्य सचिव, महिला एवं बाल विकास सचिव और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव इस समिति के सदस्य हैं। अधिसूचना के अनुसार, समिति जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों तथा अन्य अधिकारियों की भी मदद ले सकती है। समलैंगिक समुदाय के मुद्दों पर गौर करने के लिए उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष 17 अक्टूबर को केंद्र सरकार से एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने को कहा था।
