बेंगलूरु. नए साल के पहले दिन सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इतिहास रचते हुए खगोलीय वेधशाला एक्सपोसैट का सफल प्रक्षेपण किया। इसके साथ ही भारत ब्लैक होल, आकाशगंगाओं व न्यूट्रॉन तारे के अध्ययन के लिए समर्पित उपग्रह लॉन्च करने वाला अमरीका के बाद विश्व का दूसरा देश बन गया।
पिछले साल चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन के जरिए सूर्य तक सफर की शुरुआत के बाद इसरो ने स्पेस सेक्टर में एक और बड़ा कदम बढ़ाया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सुबह 9:10 बजे पीएसएलवी सी-58 ने उड़ान भरी और 22 मिनट बाद एक्सपोसैट को धरती से 650 किलोमीटर ऊपर निर्दिष्ट कक्षा में स्थापित कर दिया। उपग्रह के कक्षा में स्थापित होने के बाद उसके सौर पैनल तैनात हो गए। इसके बाद पीएसएलवी के चौथे चरण (पीएस-4) को डी-ऑर्बिट कर 350 किलोमीटर वाली कक्षा में लाया गया। पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (पीओईएम) के साथ जुड़े 10 पे-लोड यहां सक्रिय हुए। उनका परिचालन शुरू हो गया। यह उपग्रह एक्स-रे के अहम डेटा जुटाएगा।