श्रीनगर. रक्षा सूत्रों ने शुक्रवार को दावा किया कि राजौरी में सेना के दो वाहनों पर गुरुवार को हुआ आतंकी हमला पाकिस्तान और चीन की साजिश का हिस्सा है। दोनों चाहते हैं कि लद्दाख सेक्टर से भारतीय सेना को हटाकर फिर से घाटी में ज्यादातर तैनाती के लिए दबाव बनाया जाए। इसी साजिश के तहत जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ में आतंकियों को फिर सक्रिय करने की नापाक कोशिश हो रही है।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक लद्दाख सेक्टर में चीनी और भारतीय सेनाएं आमने-सामने हैं। वहां तीन साल से गतिरोध बना हुआ है। भारत ने 2020 में राष्ट्रीय राइफल्स की यूनिफॉर्म फोर्स को पुंछ सेक्टर से हटाकर लद्दाख में तैनात कर दिया था। सैन्य संतुलन साधते हुए चीनी आक्रामकता का मुकाबला करने और उस पर दबाव डालने के मकसद से यह कदम उठाया गया था। तभी से पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों के खिलाफ हमले के लिए अपने आतंकियों को घाटी में भेजना शुरू कर दिया। इस साल राजौरी, पुंछ और रिआसी जिलों में कई आतंकी हमले हुए, जिनमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए। राजौरी जिले के बाजीमाल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में नवंबर में आतंकियों के हमले में दो कैप्टन समेत पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तोएबा के शीर्ष कमांडर कारी समेत दो आतंकी मारे गए थे।