
बिहार की सियासत में 35 साल बाद कांग्रेस वापसी की कोशिश कर रही है. राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव संग ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाली है, जिसमें प्रियंका गांधी भी सक्रिय हैं. देसी अंदाज और रणनीतिक रोडमैप से कांग्रेस दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वोटरों को साधने की कवायद में जुटी है.
बिहार की सियासत में आज़ादी के बाद से लेकर अस्सी के दशक के आख़िर तक कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन मंडल पॉलिटिक्स के राजनीतिक उभार के बाद वह सत्ता से बाहर हो गई. अब साढ़े तीन दशक के बाद कांग्रेस अपने खिसके जनाधार को दोबारा जोड़ने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी तक उतर गए हैं.
तेजस्वी यादव के साथ इन दिनों राहुल गांधी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के ज़रिए बिहार की सड़कों की खाक छान रहे हैं. राहुल गांधी बिहार में पूरी तरह देसी अंदाज में पॉलिटिक्स कर रहे हैं. राहुल यात्रा के दौरान कभी बुलेट पर सवारी करते हैं तो कभी मखाना के खेत में उतरकर लोगों से बात करते नज़र आते हैं, तो कभी गले में गमछा डालकर देसी स्टाइल में बिहार के लोगों को लुभाते नज़र आ रहे हैं.