महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर इज्तिमा मुस्लिम संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. दरअसल, इज्तिमा मुस्लिम संगठन के एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिए जाने का आरोप लगा था और हिंदू युवक के साथ हिंसा की गई थी. मंत्री नितेश राणे ने इस मामले को गंभीर मसला बताया है और देवेंद्र फडणीस की महायुति सरकार से कार्रवाई की मांग की है.
गौरतलब है कि खारघर में आयोजित इज्तिमा मुस्लिम संगठन के कार्यक्रम में मुसलमान समाज के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए थे. नितेश राणे का आरोप है कि इस आयोजन के दौरान भड़काऊ भाषण दिया गया है, जिसके बाद वहां उपस्थित मुस्लिम युवाओं ने हिंदू समुदाय के युवक के खिलाफ हिंसा की.
‘हिंदुओं को किया जाता है टारगेट’- नितेश राणे
मंत्री नितेश राणे ने बताया कि हिंसा के बाद एक हिंदू युवक की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए हैं. इसको लेकर नितेश राणे ने सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा था और आग्रह किया था कि इज्तिमा पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए, क्योंकि इनके कार्यक्रमों में हिंदुओं को टारगेट किया जाता है और हिंसा को बढ़ावा दिया जाता है.
नितेश राणे ने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की है कि खारघर में हुए इस घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि कार्यक्रम में कौन लोग शामिल थे और ऐसे क्या भड़काऊ भाषण दिए गए थे, जिनके कारण हिंदुओं को निशाना बनाया गया. इस जांच से स्पष्ट होगा कि इन घटनाओं के पीछे किसकी भूमिका थी.
इससे पहले भी नितेश राणे विशेष समुदाय को लेकर कथित तौर पर चेतावनी दे चुके हैं. बीते मंगलवार (4 फरवरी) को उन्होंने कहा था कि देश
का सबसे सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून महाराष्ट्र लेकर आएगा. नितेश राणे का कहना था कि महाविकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल में लव जिहाद के कई मामले आते थे, लेकिन अब राज्य की माताओं, बहनों और बेटियों की सुरक्षा के लिए सबसे सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लाया जाएगा.
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