नई दिल्ली: लेटरल एंट्री पर अब सियासी घमासान तेज होते जा रहा है। वहीं राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष की परेशानी बढ़ाने वाला बयान दिया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री के जरिये लोक सेवकों की भर्ती को लेकर सोमवार को एक फिर भाजपा पर निशाना साधा है। साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा का राम राज्य का विकृत संस्करण संविधान नष्ट करना चाहता है और बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहता है। हालांकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लेटरल एंट्री पर शुरू हुई बहसबाजी पर सुबह ही बयान दिया था।
राहुल ने एक्स पर पोस्ट किया कि लेटरल एंट्री दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का राम राज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करना चाहता है और बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहता है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने रविवार को आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के बजाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के माध्यम से लोक सेवकों की भर्ती करके संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की है।
आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं-भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFoS) और अन्य ग्रुप ए सेवाओं के अधिकारी तैनात किए जाते हैं।
रेल मंत्री ने क्या कहा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग यानी कि एआरसी 2005 में यूपीए सरकार के तहत स्थापित किया गया था। वीरप्पा मोइली ने इसकी अध्यक्षता की थी। यूपीए काल के एआरसी ने विशेष ज्ञान की आवश्यकता वाले पदों में अंतराल को भरने के लिए विशेषज्ञों की भर्ती की सिफारिश की थी। आगे बोले कि एनडीए सरकार ने इस सिफारिश को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है। यूपीएससी के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से भर्ती की जाएगी। इस सुधार से शासन में सुधार होगा।






