मुंबई: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के क्षेत्र में आने वाली फैजाबाद लोसकभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (यूबीटी) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके निवास मातोश्री पर मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि जनता ने मुझे अयोध्या में चुना है। इससे साफ हो जाता है कि देश में धर्म के आधार पर राजनीति नहीं चलेगी, ये राजनीति बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान के आधार पर चलेगी। यहां आरक्षण की राजनीति चलेगी और जो भारत को मजबूत करने का काम करेगा।
अवधेश प्रसाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद उद्धव ठाकरे ने अयोध्या के विजेता सांसद से मिलने की इच्छा जताई थी। इसलिए मैं, धर्मेंद्र यादव और अबू आजमी आदि लोग उनसे मिले हैं। हमारी मुलाकात कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं है। इस मौके पर शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता व विधायक आदित्य ठाकरे, सपा के वरिष्ठ नेता एवं आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव, आमदार नफीस अहमद, सपा महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष व विधायक अबू असीम आजमी और विधायक रईस शेख आदि भी उपस्थित रहे।
मुलाकात में क्या हुई बातचीत?
शिवसेना(यूबीटी) प्रमुख्य उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि हमारी मुलाकात राजनीतिक नहीं है। उद्धव ठाकरे अयोध्या में हम कैसे चुनाव जीते? यह जानना चाहते थे। अयोध्या में बीजेपी ने राम मंदिर बनाया और नारा दिया कि ‘जो राम को लाए हैं… हम उनको लाएंगे। इसके बादजूद भी अयोध्या के मतदाताओं ने बीजेपी को नकार दिया। यह सब कैसे हुआ उद्धव ठाकरे उनसे यह समझना चाहते थे।
भाजपा ने गंवाई फैजाबाद सीट
बता दें कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने के बावजूद 2024 में हुए लोकसभा में उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा। 80 लोकसभा सीटों में से भाजपा केवल 33 ही जीत पाई है। अयोध्या जिस लोकसभा सीट में आता है वह फैजाबाद सीट भी भाजपा ने गंवा दी। फैजाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने भाजपा के दो बार के मौजूदा सांसद लल्लू सिंह को 54567 वोटों से हरा दिया।
धार्मिक ध्रुवीकरण को मात
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के धार्मिक ध्रुवीकरण के बावजूद दलित समुदाय से आने वाले अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद सीट से बाजी मार ली। यही वजह है उद्धव और अवधेप प्रसाद की मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भी धर्म की बजाय जाति और आरक्षण की तरफ मुड़ने वाला है।