पुणे: आईएएस पूजा खेडकर का मामला दिन ब दिन उलझता जा रहा है। इस बीच खबर है कि पुणे पुलिस ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा प्रमाणपत्रों (मेडिकल सर्टिफिकेट्स) की सत्यता की जांच करेगी। आईएएस अधिकारी पर शारीरिक दिव्यांगता का फायदा लेने का आरोप है। खेडकर पर पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगा है। जिसके बाद उनका वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया।
मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय ने खेडकर द्वारा पेश प्रमाणपत्रों की जांच के संबंध में पुणे पुलिस और जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय से एक पत्र मिला है। उन्होंने हमें पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए कहा है। हम इन प्रमाणपत्रों के बारे में तथ्यों की जांच करेंगे कि उन्हें कहां से प्राप्त किया गया, किस डॉक्टर या अस्पताल ने उन्हें प्रमाणित किया।” यह भी सामने आया है कि विवादास्पद आईएएस अधिकारी ने 2007 में एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था।
क्या है आरोप?
जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में वाशिम जिले में तैनात 2023 बैच की अधिकारी खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को कई मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे, जिनमें से एक दृष्टि संबंधी दिव्यांगता को दर्शाता है। खेडकर (34) सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही हैं। उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का बताया था। यही नहीं पूजा खेडकर पर पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप है।
जांच के लिए कमेटी का गठन
जानकारी के लिए बता दें कि बीते हफ्त केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर से जुड़े मामले की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। यह समिति पूजा के उम्मीवारी की जांंच करेगी और सरकार को दो हफ्तों में इस संबंध की रिपोर्ट सौंपेगी। इस बीच आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर और पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ भूमि विवाद को मामला दर्ज किया गया है। तब से दोनों से अभी तक संपर्क नहीं कर पाई है।