
ग्रेटर नोएडा में बीटा-2 थाना पुलिस ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर बताकर 75 लाख की ठगी करने वाले आरोपी गणेश सूर्यकांत ओटी को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया. आरोपी ने सेवानिवृत्त अधिकारी को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर बैंक खाते से रकम ट्रांसफर कराई थी. पुलिस ने 47 लाख रुपये पीड़ित को वापस दिलाए हैं. एक आरोपी अब भी फरार है.
ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाना क्षेत्र में रहने वाले सेवानिवृत्त एक अधिकारी के साथ साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है. आरोपी ने खुद को मुंबई पुलिस का क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर बताकर अधिकारी को ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया और उनके बैंक खाते से 75.57 लाख रुपये उड़ा लिए. यह घटना तब शुरू हुई जब अधिकारी को व्हाट्सएप कॉल पर बताया गया कि उन्होंने ताइवान में एक पार्सल भेजा है, जिसमें 2 किलो ड्रग्स मिले हैं.
डिजिटल अरेस्ट’ बनाकर उड़ाए लाखों रुपये
कॉल करने वाले ठग ने अधिकारी को डराया और खुद को मुंबई पुलिस का इंस्पेक्टर बताया. उसने अधिकारी को कहा कि अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डर के माहौल में अधिकारी को मोबाइल पर लगातार बातचीत में व्यस्त रखा गया, जिसे साइबर जगत में ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जाता है. इसी दौरान ठगों ने ITGS के माध्यम से पीड़ित के खाते से करीब 75.57 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर कर लिए.
पुलिस की तत्परता से बरामद हुए 47 लाख रुपये
पीड़ित को जब ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने तुरंत बीटा-2 थाना पुलिस को शिकायत दी. पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. जिन खातों में पैसे भेजे गए थे, उन्हें सीज किया गया. सर्विलांस और तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस ने महाराष्ट्र के पुणे से आरोपी गणेश सूर्यकांत ओटी को गिरफ्तार कर लिया.
एक आरोपी फरार, गिरफ्तारी के प्रयास जारी
ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि पुलिस की सक्रियता से अब तक पीड़ित के 47 लाख रुपये वापस दिला दिए गए हैं. गिरफ्तार आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में एक और आरोपी की तलाश जारी है, जिसे जल्द ही पकड़ा जाएगा. यह मामला लोगों को चेतावनी देता है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या ऑनलाइन धमकी पर भरोसा न करें और तुरंत पुलिस से संपर्क करें.

