
पंजाब से लेकर राजस्थान और हरियाणा तक ही नहीं भारत से बाहर यूरोप और अमेरिका तक अनमोल का गैंग फिरौती, सुपारी किलिंग, हथियार तस्करी, ड्रग्स सप्लाई और नाबालिगों की भर्ती जैसे गंभीर अपराधों में शामिल पाया गया है. पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि देशभर में उसके खिलाफ 31 से ज्यादा केस दर्ज हैं और अंतरराष्ट्रीय रेड नोटिस के बावजूद वो विदेशों से अपना नेटवर्क लगातार चलाता रहा है.
राजस्थान पुलिस के डोजियर ने एक बार फिर देश में गैंगस्टर नेटवर्क की गहरी जड़ों के फैलाव को सामने ला दिया है. पुलिस ने अनमोल विश्नोई की पूरी क्राइम कुंडली तैयार की है. इस डोजियर के केंद्र में है अनमोल बिश्नोई उर्फ भानू जो कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई है. साथ-ही खुद भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय अपराधी नेटवर्क चलाता है. अनमोल बिश्नोई पिता लविंदर सिंह मूल रूप से पंजाब के फाजिल्का जिले के गांव दुतारावाली का रहने वाला है.
कैसे लॉरेंस के साथ जुड़ा अनमोल
लॉरेंस बिश्नोई ने साल 2011 में SOPU नाम का संगठन बनाया और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा. इसी दौरान उसके खिलाफ कई हमले और आर्म्स एक्ट के केस दर्ज हुए. चंडीगढ़ और पंजाब की विरोधी गैंगों से दुश्मनी बढ़ी और इसके चलते पंजाब में गैंगवार की घटनाएं तेज हो गईं
2016 में लॉरेंस ने अनमोल को पढ़ाई के लिए जोधपुर भेजा लेकिन वहां भी उसके खिलाफ हमले और अवैध हथियार रखने के तीन मुकदमे दर्ज हुए. साल 2016-17 के दौरान राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के कारोबारियों और धनाढ्य लोगों से लॉरेंस गिरोह द्वारा फिरौती वसूली जा रही थी. इसी समय अनमोल भी अपने भाई की अपराधी गतिविधियों में शामिल होने लगा.
जेल से लॉरेंस, बाहर गोल्डी बराड़ और अनमोल…
लॉरेंस 2015 से जेल में है. जेल के अंदर से वो गैंग को निर्देश देता रहा जबकि बाहर से गोल्डी बराड़ और अनमोल बिश्नोई गैंग चलाते रहे. जेल में रहते हुए लॉरेंस व्यापारियों, बिल्डरों और नेताओं को मोबाइल फोन से फिरौती की धमकियां देता था.फिरौती न देने पर गोल्डी बराड़ और अनमोल शूटर्स तैयार करते, उन्हें हथियार उपलब्ध कराते और हत्या करवाते. वारदात के बाद सोशल मीडिया पर खुलेआम जिम्मेदारी लेते थे.
चला रहा था अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
अनमोल बिश्नोई का नेटवर्क पुर्तगाल, इटली, अमेरिका, बुल्गारिया, तुर्की और दुबई तक फैला है. उसके सदस्य कई भूमिकाएं निभाते हैं. उनका नेटवर्क कैसे और क्या-क्या काम करता था. यहां देखें.
वॉट्सऐप/सिग्नल के लिए इंटरनेशनल मोबाइल नंबर उपलब्ध करानाVPN अकाउंट देना, फरार आरोपियों के लिए ठिकाने बनानाअवैध उच्च–गुणवत्ता वाले हथियार और गोलाबारूद उपलब्ध करानाड्रग्स सप्लाई, नए शार्प शूटर की पहचान और ट्रेनिंगअपराध की कमाई को ठिकाने लगानाफर्जी आईडी दस्तावेज तैयार करनानाबालिग लड़कों को अपराध में शामिल करना
दो राज्यों में करीब 31 मुकदमे दर्ज
अनमोल के कम से कम 18 साथी विदेशों में रह रहे हैं, जबकि गिरोह के 9 सदस्य फर्जी पासपोर्ट बनवाकर हाल ही में देश से फरार हुए हैं.अनमोल बिश्नोई पर राजस्थान और पंजाब में करीब 31 मुकदमे दर्ज हैं. सिर्फ राजस्थान में ही कत्ल, कत्ल की कोशिश, फिरौती और आर्म्स एक्ट से जुड़े 22 केस दर्ज हैं.
बता दें कि 2017 में जोधपुर के व्यापारी वासुदेव की हत्या भी फिरौती न देने पर लॉरेंस और अनमोल के निर्देश पर करवाई गई. वारदात को अंजाम देने वाले शूटर्स को सुरक्षित ठिकाना अनमोल ने ही उपलब्ध कराया था. लॉरेंस-गोल्डी गिरोह का एक्सटॉर्शन नेटवर्क गोल्डी बराड़, अनमोल बिश्नोई और रोहित गोडारा विदेशों से बैठकर संचालित करते हैं
इंटरनेशनल नंबर…सोशल मीडिया पर वीडियो
IPSG की रेड नोटिस जारी होने के बावजूद अनमोल और उसके साथी इंटरनेशनल नंबर्स और VOIP कॉल्स के जरिए विदेश से अपराध जारी रखे हुए हैं. इसी दौरान गैंग ने तीन हाई प्रोफाइल शूटआउट किए, जिनमें 6 लोगों की हत्या की गई और कई बार फिरौती की धमकियां दीं.
वारदातों में इस्तेमाल हथियार तुर्की में बने जिगाना पिस्तौल और चीन निर्मित हथियार बताए जाते हैं. इन वारदातों के लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर जारी कर अनमोल बिश्नोई खुलेआम जिम्मेदारी लेता है, जिससे आम जनता में डर फैलता है और युवा अपराध की ओर आकर्षित होते हैं.
नाबालिगों को ऐसे पकड़ाए हथियार
गैंग ने कई नाबालिग लड़कों को भी विदेश में सेटल करवाने के झांसे में लेकर रेकी कराने और फायरिंग जैसी वारदातों में शामिल किया. फिलहाल आरोपी अनमोल बिश्नोई उर्फ भानू के खिलाफ थाना सदर, श्रीगंगानगर (राजस्थान) में FIR नंबर 73/2022, धारा 120B IPC, 25/54/59 Arms Act में खुली तारीख का गिरफ्तारी वारंट जारी है.

