


राजेश लक्ष्मण गावड़े
मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम)
- विषयवस्तु: यह संदेश जीवन में आने वाली कठिनाइयों, दुखों और संघर्षों से न डरने की प्रेरणा देता है। “अंधेरा” यहाँ प्रतीक है परेशानियों, असफलताओं और अकेलेपन का, जबकि “सितारे” उस छिपी हुई प्रतिभा, आत्मबल और चमकते भविष्य का प्रतीक हैं जो सिर्फ संघर्षों से गुजरने पर ही उभरकर सामने आते हैं।
- प्रस्तुतकर्ता: B. Ashish, जो अपने हंसमुख अंदाज़ और दमदार अभिनय से लोगों के दिलों में जगह बना चुके हैं, इस बार एक गहरी सोच और भावनात्मक संदेश लेकर आए हैं। उनका यह रूप दर्शकों को न सिर्फ हँसाता है, बल्कि भीतर से झकझोर कर सोचने पर भी मजबूर करता है।
- प्रस्तुतिकरण का माध्यम: इस संदेश को RLG Production ने भव्य और संजीदा अंदाज़ में प्रस्तुत किया है। इसमें भावनात्मक पृष्ठभूमि संगीत, गहरी आवाज़, और काल्पनिक अंधेरी परिस्थितियों को दर्शाने वाले दृश्य शामिल हैं, जो दर्शकों को आत्म-निरीक्षण के लिए प्रेरित करते हैं।
- उद्देश्य:
लोगों को बताना कि मुश्किलें स्थायी नहीं होतीं।
हर व्यक्ति के अंदर एक सितारा छिपा होता है, जो सिर्फ अंधेरे समय में ही अपनी चमक दिखा सकता है।
आत्मबल, धैर्य और उम्मीद का संदेश देना।
- मुख्य भाव:
“हर रात के बाद सुबह आती है,
हर संघर्ष के बाद जीत मिलती है।
इसलिए अंधेरे से डरना नहीं,
क्योंकि सितारे भी तभी चमकते हैं।”
प्रभाव:
यह संदेश युवाओं, संघर्षरत कलाकारों, जीवन में टूट चुके व्यक्तियों और हर उस इंसान के लिए है जो अपने जीवन में किसी न किसी अंधेरे दौर से गुजर रहा है। B. Ashish की यह प्रस्तुति न केवल एक संवाद है, बल्कि एक प्रकाशपुंज है जो लोगों को फिर से उठ खड़े होने की प्रेरणा देता है।
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