RLG प्रोडक्शन प्रस्तुत करता है – बी. आशीष का प्रेरणादायक संदेश”तू खुद की खोज कर – तू ज़िंदा है अभी!”

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राजेश लक्ष्मण गावड़े

मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम)

नमस्कार दोस्तों,
मैं हूं बी. आशीष।
आज मैं एक एक्टर नहीं, एक लेखक नहीं, एक कॉमेडियन भी नहीं…
आज मैं सिर्फ एक इंसान की तरह आपसे बात करने आया हूं।

क्योंकि हम सभी की ज़िंदगी में ऐसे लम्हे आते हैं जब हमें कोई एक आवाज़ चाहिए होती है —
जो हमें हमारे अंदर की ताकत याद दिलाए।
तो ये संदेश उसी आवाज़ की तरह है –
जो आपको खुद से फिर से मिलवाए।

बचपन में सपने थे… आँखों में चमक थी…
कभी कुछ बनने की चाह थी, तो कभी उड़ने का जोश था।
लेकिन धीरे-धीरे ज़िम्मेदारियों की धूल उन सपनों पर जमती गई।
कभी मां-बाप की सेवा, कभी भाई-बहनों की पढ़ाई,
फिर शादी, बच्चे, घर-परिवार, कर्ज़, खर्चे…
इन सबको संभालते-संभालते कब 55 की उम्र आ गई, पता ही नहीं चला।

खुद के लिए जीने का वक़्त ही नहीं मिला।
खुद से बात करने की आदत ही छूट गई।
हर रोज़ सिर्फ एक सवाल — “अब क्या बाकी है?”
क्या सच में अब कुछ शुरू हो सकता है?
तो जवाब है – हां! बिल्कुल हो सकता है।

जब तक सांसें चल रही हैं,
जब तक धड़कनें चल रही हैं,
तब तक कोई भी शुरुआत देर से नहीं होती।

ज़िंदगी ने बहुत कुछ सिखाया –
कैसे सहना है, कैसे झुकना है,
लेकिन अब वक़्त है –
खुद को उठाने का, खुद को जानने का,
और सबसे जरूरी – खुद के लिए जीने का।

जीत उसी की होती है जो खुद पर विश्वास करता है।
आपकी सोच, आपकी मेहनत, आपका इरादा –
यही आपकी असली ताकत है।

कभी-कभी पूरी दुनिया कहेगी कि “अब तेरे बस का नहीं”…
लेकिन बस एक बार,
एक बार आप खुद से कह दो –
“मैं अब भी कर सकता हूं”
तो वही पल आपके जीवन की दिशा बदल देगा।

तकलीफ़ें आईं और जाती रहीं,
लेकिन आप रुके नहीं।
आपने सबका साथ निभाया,
पर अब खुद का साथ देना मत भूलिए।

कभी अकेले पड़ोगे, तो याद रखना –
असली हीरे हमेशा अकेले चमकते हैं।
और जब लोग कहें कि “अब उम्र निकल गई”,
तो मुस्कुरा कर कह देना –
“अभी मेरी असली शुरुआत बाकी है।”

कभी मत सोचो कि तुम थक गए हो,
क्योंकि जिसने 55 साल तक सबका बोझ उठाया है,
जो हर मोड़ पर जिम्मेदारियों से लड़ा है,
वो अब भी बहुत कुछ कर सकता है।

अब वक़्त है —
अपने अधूरे सपनों को पूरा करने का,
अपने बचपन की आवाज़ फिर से सुनने का,
और अपने लिए एक नई सुबह लिखने का।

तो आज से, अभी से,
खुद से वादा करो –
मैं खुद को फिर से खोजूंगा,
मैं अपनी मुस्कान को फिर से जिऊंगा,
और मैं तब तक नहीं रुकूंगा जब तक खुद को खुद से नहीं मिला दूंगा।

क्योंकि मेरे दोस्त,
तेरी लड़ाई तुझसे है –
और जीत भी तेरी ही होगी।

खुद पर भरोसा रखो,
क्योंकि सबसे बड़ा सुपरस्टार – आप खुद हो।

धन्यवाद!
आपका अपना
बी. आशीष | RLG Production

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