
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका खारिज की
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में दोषियों द्वारा दायर उस याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि दो जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकती क्योंकि यह मृत्युदंड से जुड़ा है।
क्या था दोषियों का तर्क?
दो दोषियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट की 2014 की संविधान पीठ के निर्णय के अनुसार, जिन मामलों में हाईकोर्ट ने मौत की सजा दी हो, वे तीन जजों की पीठ के सामने ही सूचीबद्ध होने चाहिए। उन्होंने मांग की थी कि इस अपील की सुनवाई तीन जजों की बेंच द्वारा हो।

कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि यह दलील स्वीकार्य नहीं है क्योंकि इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने पहले ही 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। मौत की सजा सिर्फ ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। इसलिए, यह मामला संवैधानिक रूप से तीन जजों की बेंच के लिए अनिवार्य नहीं बनता।



