माधवी पुरी बुच के कार्यों के कारण करोड़ों भारतीयों की लाखों करोड़ों की निवेश खतरे में

मुंबई, 3 मार्च 2025
कांग्रेस पार्टी ने सेबी में अनियमितताओं और घोटालों के खिलाफ लगातार आवाज उठाई थी और जांच की मांग की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने लगातार सेबी के चेयरमैन और अधिकारियों को समर्थन दिया था। अब मुंबई की विशेष अदालत ने शेयर बाजार में घोटाला कर संगठित रूप से गलत व्यापार करने के आरोप में सेबी की पूर्व अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और अन्य पांच अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को दिया है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ ने मांग की है कि केंद्र सरकार अब सेबी में घोटालों की श्रृंखला की जांच करे और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे।
इस संबंध में बोलते हुए हर्षवर्धन सपकाळ ने कहा कि माधवी पुरी बुच का पूरा करियर विवादास्पद रहा है। उनके ऊपर लगातार घोटाले के आरोप लगते रहे हैं।
सेबी के अध्यक्ष रहते हुए भी माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अदानी घोटाले से संबंधित कंपनियों में निवेश किया था। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से अदानी समूह के खिलाफ शुरू हुई जांच को उन्होंने प्रभावित किया था। कांग्रेस पार्टी ने भी इस संबंध में सबूत देकर जांच की मांग की थी। माधवी पुरी बुच की वजह से करोड़ों भारतीयों की मेहनत की लाखों करोड़ों की निवेश खतरे में होने की बात उठाई गई थी, लेकिन सरकार के नजदीकी लोगों के लिए वह काम कर रही थीं, इसलिए सरकार ने उनके सारे अपराधों को छिपा लिया था। अब अदालत के आदेश के बाद सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेकर उच्चस्तरीय जांच करनी चाहिए और निवेशकों के हित की रक्षा करनी चाहिए, ऐसा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा।
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