
पुलिस ने 17 वर्षीय एक लड़की से दुष्कर्म करने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इस मामले में 4 अन्य लोगों का गिरफ्तार होना अब भी बाकी है।
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले से दुष्कर्म और जबरन गर्भपात कराने का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने 17 वर्षीय एक लड़की से दुष्कर्म करने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि नाबालिग के गर्भपात के लिए दवाइयां उपलब्ध कराने वाले एक डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि मामले की आगे की जांच के लिए उल्हासनगर के एक श्मशान घाट में दफनाए गए मृत भ्रूण को बाहर निकाला गया है। पीड़िता और 29 वर्षीय आरोपी व्यक्ति यहां उल्हासनगर के एक इलाके में पड़ोसी थे। ‘उल्हासनगर सेंट्रल’ पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक शंकर अवताडे ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल जुलाई में आरोपी ने पीड़िता को उस समय रात में खाना खाने के बहाने अपने घर बुलाया जब उसकी पत्नी, बच्चे और माता-पिता अपने पैतृक गांव गए हुए थे।
मां, पत्नी और सास भी शामिल
अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति ने कथित तौर पर कई मौकों पर नाबालिग से दुष्कर्म किया और किसी को इस बारे में बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि बाद में पीड़िता को पता चला कि वह गर्भवती है और जब उसने आरोपी को इस बारे में बताया तो उसने उसे एक निजी डॉक्टर द्वारा दी गई गर्भपात की गोलियां उपलब्ध कराईं।
अधिकारी ने बताया कि जब गर्भपात का प्रयास विफल हो गया तो आरोपी की पत्नी, मां और सास ने सात महीने की गर्भवती पीड़िता पर गर्भपात के लिए पिछले महीने दबाव बनाने की साजिश रची। उन्होंने बताया कि जब पीड़िता के माता-पिता घर से बाहर थे तो उसे अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी ने पीड़िता की गलत पहचान बताई और उसकी उम्र का गलत विवरण दिया जिसके बाद डॉक्टरों ने गर्भपात की सलाह दी।
पीड़िता ने परिवार के साथ ठाणे में दर्ज की शिकायत
अधिकारी ने बताया कि बाद में कल्याण के एक सरकारी अस्पताल में गर्भपात कराया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी की पत्नी और मां ने जल्दबाजी में भ्रूण को उल्हासनगर के एक श्मशान घाट में दफना दिया। यह अपराध 23 फरवरी को तब सामने आया जब पीड़िता ने अपनी मां के गांव से लौटने पर उसे इस बारे में बताया। इसके बाद पीड़िता के परिवार ने उल्हासनगर सेंट्रल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने आरोपी को 25 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात को उन्होंने उस निजी डॉक्टर को भी गिरफ्तार कर लिया, जिसने गर्भपात की गोलियां कथित तौर पर उपलब्ध कराई थीं। उन्होंने बताया कि चार अन्य आरोपियों को अभी पकड़ा नहीं गया है। ये सभी महिलाएं हैं। अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, जबरन गर्भपात और साक्ष्य छिपाने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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