
मुंबई के कमलेश सीताराम कामटेकर ने नौकरी छोड़कर ऑटो-रिक्शा चालक बनने का बड़ा फैसला लिया। पहले एक ग्राफिक कंपनी में काम करने वाले कमलेश को कॉस्ट कटिंग के कारण अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। महीनों तक जॉब एप्लीकेशंस रिजेक्ट होने के बाद उन्होंने खुद को एक नई दिशा दी। उन्होंने ऑटो-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया, जो उनके लिए एक नया अनुभव था। कमलेश ने इस फैसले को उन युवाओं के लिए प्रेरणादायक बताया, जो नौकरी की तलाश में लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उनका मानना है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी हों, अगर हिम्मत और मेहनत से काम किया जाए तो नए रास्ते भी मिल सकते हैं। उनके इस फैसले ने यह संदेश दिया कि कभी हार नहीं माननी चाहिए।





