राजेश खन्ना का करियर ले डूबता ये लालच, पैसे लेकर बुरी तरह फंस गए थे ‘काका’

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हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक फिल्में देने वाले राजेश खन्ना भले ही आज इस दुनिया में न हो, लेकिन अपनी जिंदादिली और फिल्मों के जरिए वह हमेशा अपने प्रशंसकों के जहन में जिंदा रहेंगे। काका’ के नाम से मशहूर राजेश खन्ना ने बॉलीवुड में अपनी वो जगह बनाई, जो कोई कलाकार न बना सका और ना ही ले सका। 29 दिसंबर काे काका की जयंती के मौके पर हम आपको उनसे जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा बता रहे हैं।

पैसों के लालच में साइन कर ली फिल्म

राजेश ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया। एक दौर ऐसा था, जब उनकी धड़ाधड़ फिल्में हिट हो रही थी और निर्माता-निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में साइन करने के लिए लाइन लगाए बैठे थे। इसी बीच साउथ के फिल्ममेकर एम एम ए चिनप्पा देवर ने राजेश को एक फिल्म का प्रस्ताव बाद में दिया, पहले पैसों का ऑफर दे डाला। राजेश को उन दिनों पैसों की सख्त जरूरत थी तो बिना कुछ सोचे-समझे फिल्म साइन कर ली।

पैसों से भरा सूटकेस देख ललचा गए थे अभिनेता

फिल्म अभिनेता और निर्माता धीरज कुमार ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताधीरज बोले, “मैंने वो सूटकेस खोला तो मैं हैरान रह गया। पूरा सूटकेस नोटों से भरा हुआ था और उससे पहले इतने नोट एक साथ मैंने पहले कभी नहीं देखे नहीं थे। मुझे हैरान देखकर काका अपने खास अंदाज में मुस्कुरा रहे थे। कि एक लोकप्रिय स्टूडियो में शूटिंग के दौरान काका ने उन्हें अपने कमरे में बुलाया और एक सूटकेस दिखाया फिर बोलें खोलो इसे।

बंगला खरीदने के चक्कर में कर दी ये गलती

दिलचस्प बात यह है कि तब तक राजेश को फिल्म से जुड़ी कोई जानकारी नहीं थी, क्योंकि उन्होंने बिना स्क्रिप्ट पढ़े ही फिल्म साइन कर ली थी। दरअसल, राजेश उस समय दिग्गज अभिनेता राजेंद्र कुमार का एक बड़ा सा बंगला खरीदने वाले थे, जिसके लिए उन्हें पैसे चाहिए थी। लिहाजा बिना स्क्रिप्ट देखे ही राजेश ने फिल्म के लिए हां कर दी और फौरन 5 लाख रुपये की साइनिंग अमाउंट अपने पास रख ली और खर्च भी कर ली।

कहानी पढ़ी तो उड़ गए होश

फिर जब राजेश ने फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। कहानी देख काका समझ गए कि इस फिल्म को फ्लॉप होने से कोई नहीं रोक सकता और फिर वह सिर पकड़कर बैठ गए। सुपरस्टार ने आगे कहा, “कुछ भी करो, लेकिन कृपया मुझे बचा लो।” इसके बाद फिल्म की लगभग पूरी कहानी बदल दी गई और इसका नाम पड़ा ‘हाथी मेरे साथी’।

जबरदस्त हिट हुई फिल्म

सलीम-जावेद ने राजेश के स्टारडम को ध्यान में रखकर फिल्म की कहानी में ऐसा बदलाव किया कि यह फिल्म रिलीज होते ही छा गई। जावेद-सलीम की कलम का जादू ऐसा चला कि फिल्म ब्लॉकबस्टर हुई और काका के करियर को इससे एक नई दिशा मिली।

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