मुंबई के कुर्ला (पश्चिम) इलाके में सोमवार रात बेस्ट की एक अनियंत्रित ईवी बस ने एसजी बारवे रोड पर पैदल चल रहे लोगों और वाहनों को टक्कर मार दी। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हुए। इस हादसे के बाद बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) उपक्रम पर भी सवाल खड़े हो रहे है।

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ग्राफिक्स –

पिछले तीन वर्षों में BEST बसों से 247 दुर्घटनाएँ हुई कुल दुर्घटनाओं में से 133 दुर्घटनाएँ बेस्ट के बसों से हुईं 114 दुर्घटनाएँ किराए पर ली गई बसों में हुईं 2022 से अब तक BEST बसों 133 दुर्घटनाएँ हुई हैं इसमें 22 घातक दुर्घटनाएं और 83 गंभीर दुर्घटनाएं शामिल

हाल के कुछ वर्षों के आंकड़ों को देखें तो मुंबई की बेस्ट बस कई बड़ी दुर्घटनायें हुई है, जो न केवल दो वाहनों, पैदल चलने वाले लोगों के साथ ही यात्रियों के लिए भी घातक साबित हुए हैं। पिछले तीन वर्षों में BEST बसों से 247 दुर्घटनाएँ हुई हैं और अधिकांश दुर्घटनाएँ बेस्ट के बेड़े में शामिल उसकी खुद की बसों के साथ हुई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल दुर्घटनाओं में से 133 दुर्घटनाएँ बेस्ट के बसों से हुईं, जबकि 114 दुर्घटनाएँ किराए पर ली गई बसों में हुईं।

बेस्ट बसें मुंबई के साथ-साथ इसके पड़ोसी जिलों के कुछ हिस्सों तक चलती है। यही वजह है कि बेस्ट बस से यात्रा करने वाले यात्रियों की दैनिक संख्या 30 लाख से अधिक है।2022 से अब तक बेस्ट के स्वामित्व वाली बसों से 133 दुर्घटनाएँ हुई हैं। इसमें 22 घातक दुर्घटनाएं और 83 गंभीर दुर्घटनाएं शामिल हैं। जबकि बाकी छोटी-मोटी दुर्घटनाएं हैं।

वहीँ, इस दौरान लीज़ पर चलते वाली बेस्ट की बसों से कुल 114 दुर्घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जिनमें 40 प्राण घाती दुर्घटनाएँ शामिल हैं। जबकि 60 गंभीर दुर्घटनाएं और 14 छोटी दुर्घटनाएं हैं।

सूत्रों ने बताया कि यदि बेस्ट के स्वामित्व वाली बस के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो बेस्ट उस दुर्घटना के लिए ज़िम्मेदार होती है। वहीँ, लीज पर चलने वाली बस से अगर हादसा होता है तो दुर्घटना के लिए ठेकेदार जिम्मेदार होता है।

बेस्ट के बेड़े में 993 स्वामित्व वाली और 1900 पट्टे वाली बसें हैं, यानी बेस्ट की कुल 2,893 बसें चलती हैं। लागत और घाटे को कम करने के लिए बेस्ट द्वारा

लीज पर बसें लेकर चलाई जा रही हैं। छह बस आपूर्ति कर्ता कंपनियां बेस्ट को पट्टे पर बसें उपलब्ध कराती हैं। BEST के अपने 7 हजार 212 ड्राइवर और 7 हजार 423 कंडक्टर हैं। जबकि 6 हजार 553 ड्राइवर और 2 हजार 340 कंडक्टर कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं।

कुर्ला हादसे के लिए 2018 से 2021 के बीच ‘वेट लीज मॉडल’ पर बसों को किराए पर लेने के फैसले को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस मॉडल के तहत निजी ठेकेदार बस और चालक प्रदान करता है और उनका रख रखाव भी करता है।

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