ढाका: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन को लेकर जमकर झड़प हुआ। स्टूडेंट्स पर लाठियां भी बरसाई गईं। झड़प में स्टूडेंट्स लहूलुहान भी हुए। बांग्लादेश की राजधानी के बाहर एक विश्वविद्यालय में सरकार समर्थक छात्र संगठन और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच रातभर हुई हिंसक झड़पों के दौरान 50 से अधिक लोग घायल हो गए। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां बरसाईं।
पुलिस और छात्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह घटना ढाका के बाहरी इलाके सावर में जहांगीर नगर विश्वविद्यालय में हुई। जहां प्रदर्शनकारी छात्र 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के परिवार के सदस्यों के लिए सरकारी नौकरी में कोटा समाप्त करने की मांग कर रहे थे।
क्या है मामला
कोटा प्रणाली के तहत महिलाओं, दिव्यांगों और जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान है। इस प्रणाली को 2018 में निलंबित कर दिया गया था, जिससे उस समय इसी तरह के विरोध प्रदर्शन रुक गए थे। लेकिन, पिछले महीने बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले नायकों के परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत कोटा बहाल करने का आदेश दिया। इससे नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
प्रदर्शनकारी दिव्यांग लोगों और जातीय समूहों के लिए छह प्रतिशत कोटे का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन वे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के वंशजों को आरक्षण के खिलाफ हैं। पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर चार हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी और प्रधान न्यायाधीश ने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि वे विरोध-प्रदर्शन समाप्त कर अपनी कक्षाओं में वापस लौट जाएं।
50 से ज्यादा स्टूडेंट्स लहूलुहान
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह चार सप्ताह के बाद इस मुद्दे पर फैसला करेगा। इसके बावजूद, विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। इनाम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी अली बिन सुलेमान ने बताया कि विश्वविद्यालय में हुई हिंसा में घायल 50 से ज्यादा स्टूडेंट्स को इलाज के लिए लाया गया है।